इस घटना में पुलिस क्षेत्राधिकारी एवं दरोगा समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। प्रत्यक्षदर्शी मनु पांडे ने पुलिस को गवाही देते हुए बताया था कि अमर दुबे ही वह शख्स था, जिसने क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा की नृसंश हत्या की थी। क्षेत्राधिकारी पर ताबड़तोड़ फायरिंग करने के बाद उनके पांव का पंजा भी धारदार हथियार से अमर ने ही काटा था। अब इस मामले में अधिवक्ता शशिकांत ने डकैती कोर्ट में एप्लीकेशन देते हुए खुशी की उम्र पर सवाल खड़े किए हैं।
अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में खुशी की पांचवीं व दसवीं की मार्कशीट पेश की गई है। जिसके अनुसार खुशी 16 वर्ष 10 माह की है। ऐसे में खुशी को 302 का आरोपी बनाकर जेल भेजने पर अधिवक्ता द्वारा पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। साथ ही इस मामले में सुनवाई करते हुए न्यायालय द्वारा दस्तावेजों की जांच कराई जा रही है। अधिवक्ता शशिकांत ने बताया कि खुशी पर पुलिस की कार्रवाई गलत है और सभी तथ्य न्यायालय के सामने पेश किए जा रहे हैं।