पुलिस से सीधे ली टक्कर
गोविंद नगर से कांग्रेस की उम्मीदवार करिश्मा ठाकुर सिर पर काली पट्टी बांध कर सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए घर से निकल पड़ी। वो रैली स्थज तक पहुंच गई। पुलिस की जैसे ही करिश्मा पर नजर पड़ी तो उन्हें घेर लिया। इस दौरान करिश्मा और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। कांग्रेसी नेता पीछे हटने को तैयार नहीं हुई और पुलिस को सीधे चुनौती देते हुए आगे बढ़ने लगी। करिश्मा को देख कांग्रेसी भी हरकत में आ गए और पुलिस से भिड़ गए। इस दौरान पुलिस ने किसी तरह से करिश्मा पर काबू पाया और उन्हें हिरासत में लेकर घर में नजरबंद कर दिया।
कौन हैं करिश्मा ठाकुर
कांग्रेस ने गोविंदनगर सीट से युवा चेहरे करिश्मा ठाकुर पर दांव लगाया है। करिश्मा ने वर्ष 2103 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के लक्ष्मीबाई कालेज में दाखिला लिया। यहीं से उनके राजनीतिक करियर का शुभारंभ हुआ। एनएसयूआई से जुडने के बाद प्रथम वर्ष में ही उन्होंने दिल्ली छात्रसंघ का चुनाव लड़ा और पहली बार में अच्छे वोटों से जीत हासिल कर महासचिव बनीं। वर्तमान में वह एआईसीसी सदस्य और एनएसयूआई की राष्ट्रीय महासचिव हैं। करिश्मा ठाकुर को प्रियंका गांधी का करीबी बताया जा रहा है और उनके सिर पर पूर्व विधायक अजय कपूर का हाथ भी रखा हुआ है।
पिता भी लड़ चुके हैं चुनाव
करिश्मा ठाकुर के पिता राजेश सिंह भी राजनीति में हैं। राजेश सिंह वर्ष 2012 में कांग्रेस के टिकट पर सरसौल से और वर्ष 2014 में बसपा के टिकट पर कन्नौज लोकसभा से अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़े लेकिन सफल नहीं हुए। इसके बाद उन्होंने राजनीति में बेटी को आगे बढ़ाने में अपनी ताकत लगा दी।शहर कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष हरप्रकाश अग्निहोत्री कहते हैं कि गोविंद नगर उपचुनाव के लिए पार्टी ने उन्हे टिकट दिया है। शहर कांग्रेस कमेटी और कांग्रेस कार्यकर्ता पूरी ताकत से उन्हे चुनाव लड़ाएगा। करिश्मा को टिकट मिलने से कांग्रेसी खासे उत्साहित हैं और उपचुनाव में भाजपा को हरा कर कानपुर में कांग्रेस की वापसी करानें के लिए जुटे हैं।
पहली बार तकड़ी चुनौती
करीब एक लाख 60 हजार ब्राम्हण मतदाताओं वाली गोविंदनगर सीट पर परसीमन के बाद 2017 तक भाजपा का कब्जा रहा। जबकि 1967, 1969, 1980, 1985, 2000 और 2007 में विधानसभा में कांग्रेस का कब्जा रहा। वहीं 1989, 1991, 1993, 1996 और 2012 के चुनाव में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी काबिज रही। 1974 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया और 1970 में जनता पार्टी ने यहां से चुनाव जीता था। भाजपा के बाल चन्द्र मिश्र ने यहां से 1989 से 1996 तक लगातार चार चुनाव जीते थे। पर करिश्मा ठाकुर के चुनाव में उतरने से भाजपा को कड़ी टक्कर मिल सकती है।