दरअसल पशुपालकों द्वारा छुट्टा छोड़े जाने से बेसहारा मवेशी खेतों में किसानों की मेहनत से खड़ी फसलों को उजाड़ देते हैं। जिले में बेसहारा पशुओं की समस्या किसानों के लिए बड़ी मुसीबत बनी हुई थी। परेशान किसानों ने मवेशियों को बारातघर, स्कूल, पंचायत भवन सहित अन्य सरकारी भवनों में बंद करना शुरू कर दिया था। इन पर रोकथाम लगाने के लिए पिछले दिनों शासन ने गांवों में अस्थायी पशु आश्रय स्थल का बनाये जाने के निर्देश दिये, जहां पर मवेशियों के लिए चारा-पानी, छाया, प्रकाश सहित अन्य व्यवस्थाओं को दुरस्त रखने की हिदायत दी गई, लेकिन अधिकांश स्थलों पर पेयजल व प्रकाश की व्यवस्था न होने की समस्या खड़ा हो गई।
इससे निजात के लिए यूपीनेडा ने 28 आश्रय स्थलों पर 3 एचपी का सोलर पंप लगवाने का आगणन तैयार किया है। हालांकि एक पंप की कीमत 188600 रुपये आंकी गई है। जबकि स्थलों पर समुचित प्रकाश के लिए 68 स्ट्रीट लाइटें भी लगेंगी। एक स्ट्रीट लाइट 26180 रुपये से लगाई जाएगी। नेडा ने सोलर पंप व स्ट्रीट लाइट में आने वाले कुल 7061040 रुपये का स्टीमेट तैयार कर शासन में भेजा है। धनप्रसाद यूपीनेडा परियोजना अधिकारी ने बताया कि 28 पशु आश्रय स्थलों पर सोलर पंप व 68 स्ट्रीट लाइट लगवाने के लिए 70 लाख रुपये का प्रस्ताव शासन में भेजा गया है। मंजूरी एवं धनराशि मिलने के बाद कार्य शुरू कराया जाएगा।