शैक्षिक सत्र 2018-19 में कानपुर देहात में अंग्रेजी माध्यम के 50 परिषदीय स्कूलों का चयन किया गया था, जबकि सत्र 2019-20 के लिए कुल 60 स्कूल चयनित है। इस प्रकार कुल 110 स्कूल अंग्रेजी माध्यम शिक्षण के लिए चिह्नित हैं। जिले में केवल अकबरपुर व रनियां में ही एक-एक स्कूल अंग्रेजी माध्यम से संचालित हैं, जबकि अन्य 108 स्कूलों में कमचलाऊ शिक्षकों से अध्यापन कराया जा रहा है। ऐसे में अधकचरी शिक्षा बच्चों की नींव कमजोर कर रही है। ऐसा नहीं है कि शिक्षक उपलब्ध नहीं है। अलबत्ता ट्रेनिग कर चुके अध्यापकों को काउंसिलिग कर चयनित अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में भेजा नहीं जा पा रहा है।
बता दें कि अंग्रेजी माध्यम के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती काउंसिलिग अटकने से फंसी है। दो बार काउंसिलिग की सूचना देकर बीएसए अध्यापकों को नियत स्थान पर बुला चुकी हैं लेकिन ऐन वक्त पर काउंसिलिग टाल दी गई। शनिवार को बीआरसी अकबरपुर पहुंचे शिक्षकों ने काउंसिलिग टाले जाने पर हो हल्ला कर जमकर नारेबाजी की। शिक्षकों ने बताया कि बीएसए की हठधर्मिता में बच्चों की पढ़ाई चौपट हो गई है। इधर, बीएसए संगीता सिंह का कहना है कि अब अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में अध्यापकों की तैनाती के लिए काउंसिलिग किस आधार पर कराई जाए, इसका मार्गदर्शन बेसिक शिक्षा परिषद सचिव से चाहा गया है। मार्गदर्शन मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।