कानपुर शहर में सीबीएसई बोर्ड के करीब 120 पब्लिक स्कूल संचालित हो रहे हैं जिसमें हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के 30 हजार से ज्यादा छात्र बोर्ड परीक्षा में भाग लेंगे. सीबीएसई बोर्ड शहर के करीब 20 स्कूलों में अपनी बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करवाता है. ऐसे में सबसे बड़ी दिक्कत की बात ये है कि पूरे देश में किसी भी सेंटर से पेपर आउट होने पर सोशल मीडिया के जरिए कुछ ही देर में यह पूरे देश में बंट जाता है, जिसे रोक पाना असान नहीं होता है. सिवाए पेपर कैंसिल कर दोबारा कराने के.
पीछले साल के एग्जाम की बात करें, तो सीबीएसई के दो पेपर आउट होने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे. इनमें हाईस्कूल का गणित का पेपर और इंटरमीडियट का इकोनॉमिक्स का पेपर आउट हो गया था. इससे बोर्ड की टेंशन बढ़ गई थी. आखिर में इकोनॉमिक्स का पेपर तो कैंसिल तक कराके दोबारा कराना पड़ा था. वहीं इस बार बोर्ड चाहता है है कि अगर ये नौबत हर साल आई तो काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. इस वजह से बोर्ड कई विकल्पों पर विचार कर रहा था. इसमें अब पेपर ऑनलाइन सेंटर पर भेजने का फैसला लिया है. सीबीएसई देश में पहला ऐसा बोर्ड होगा जो इस तरह का सिस्टम अडॉप्ट करने जा रहा है.
सीबीएसई ने वर्ष 2018-19 की दसवीं व बाहरवीं की बोर्ड परीक्षा की तैयारियां तेजी से शुरू कर दी हैं. प्रश्न पत्रों को ऑनलाइन सेंटर पर भेजने और डाउनलोड करके छात्रों को देने के सिस्टम पर प्रधानाचार्यों के मन में कई सवाल भी उठ रहे हैं. वे सब सिस्टम का विरोध तो नहीं कर रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि अगर सर्वर डाउन हो गया तो कोई दूसरी तकनीकी समस्या आई तो फिर पेपर कैसे कराए जाएंगे. इसके साथ ही पेपर डाउनलोड करने के बाद उसे छात्रों को किस तरह दिया जाएगा. फोटोकॉपी करवाकर या प्रिंटआउट लेकर, इसके बारे में अभी स्पष्ट नहीं है. हालांकि खुलकर अभी कोई कुछ कहने को तैयार नही है.
इस बारे में सीबीएसई के सिटी कोऑर्डिनेटर बलविंदर सिंह कहते हैं कि सीबीएसई बोर्ड पहली बार बोर्ड के क्वेश्चन पेपर्स ऑनलाइन भेजने का सिस्टम बना रहा है. सेंटर पर ही पेपर को डाउनलोड करके छात्रों को दिया जाएगा. पेपर आउट न हो, इसके लिए पहली बार इस तरह का प्रयोग बोर्ड करेगा.