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इस असुरक्षित जंगल में हिरणों के झुंड से वन विभाग परेशान, उनके खाने पीने और सुरक्षा के लिए अफसर कर रहे ये प्रबंध

locationकानपुरPublished: Sep 19, 2018 06:37:07 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

जनपद के इस खुले जंगल में हिरनों के झुंड को देखा जाना अचम्भे की बात है, हालांकि इसको लेकर वन विभाग के अफसर खुश हैं और उनकी सुरक्षा और खाने पीने को लेकर अब इंतजाम मे जुट गये हैं।

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इस असुरक्षित जंगल में हिरणों के झुंड से वन विभाग परेशान, उनके खाने पीने और सुरक्षा के लिए अफसर कर रहे ये प्रबंध

कानपुर देहात-जिले के रसूलाबाद क्षेत्र के असालतगंज के जंगल में दुर्लभ काले व अन्य प्रजाति के हिरणों को बीते दिनों देखा गया है, हालांकि वन्य जीवों में आने वाले हिरणों का जंगल मे विचरण करने को लेकर वन विभाग के अफसर सक्रिय हो गए हैं। इस जंगल में स्वता पले बढ़े इन हिरणों के लिए यहां जल्द चारे का इंतजाम होगा। हालांकि इन संरक्षित हिरणों की मौजूदगी को लेकर वन विभाग हैरान भी है, क्योंकि इस क्षेत्र में शिकारियों का भी विचरण होता रहता है। फिलहाल अफसरों ने ये निश्चित कर लिया है कि यहां शिकार प्रतिबंधित होने के सूचना बोर्ड भी लगाए जाएंगे। वन विभाग इसकी तैयारी में लगा हुआ है।
नर्म घास की उपलब्ध कराने की तैयारी

रसूलाबाद तहसील क्षेत्र के असालतगंज जंगल में कुछ दिन पूर्व ही दुर्लभ काले हिरण, चिंकारा व चित्तीदार हिरण प्रजाति का कुनबा देखा गया है। अब इनके लिए चारे का इंतजाम करने को लेकर वन विभाग गंभीर हुआ है। जानकारों की मानें तो हिरणों को नर्म घास बहुत पसंद है। असालतगंज के विलायती बबूल वाले जंगल में दुर्लभ प्रजाति के हिरणों की पसंदीदा नर्म घास पर्याप्त नहीं है। गर्मी में यहां घास लगभग गायब हो जाती है। इसकी आशंका को लेकर भी वन अफसरों की चिंता बढ़ गई है। हिरन समूह को इसी जंगल के आसपास हरा चरा उपलब्ध हो, इसकी तैयारी वन विभाग कर रहा है।
हिरणों के लिए ये फसलें बोयी जाएगी

पिछले दिनों जंगल के भ्रमण के दौरान डीएफओ से आसपास के किसानों ने हिरण कुनबे से फसल नुकसान की बात कही थी। किसानों को कहना था कि जंगल से लगे खेत में उगाई फसलें हिरणों का निवाला बन रही हैं। किसानों की इस समस्या के समाधान व हिरणों को खाने से लिए हरे चारे की उपलब्धता वन विभाग की प्राथमिकता में है। विभाग जंगल के करीब वन भूमि में हरा चारा उगाएगा। छोटे-छोटे हिस्सों में मक्का या फिर दलहन के बीज बोए जाएंगे।
जंगल में एक सैकड़ा हो सकते हैं हिरण

असालतगंज जंगल में करीब 100 हिरण होने का अनुमान वन विभाग ने ग्रामीणों से बातचीत के बाद लगाया है। डीएफओ ने बताया कि असालतगंज का जंगल कंटीले बबूल का है। इसकी वजह से जंगल के अंदर जाकर हिरण कुनबे में वयस्क व अवयस्क सदस्यों की जानकारी भी संभव नहीं है। हिरणों की टै¨गग भी नहीं की जाती है। अलबत्ता जंगल के बाहर निकल कर विचरण करने वाले हिरण समूहों पर बराबर नजर रखकर इनकी संख्या का अनुमान ही लगाया जा सकता है।
डॉक्टर ललित कुमार गिरी जिला वनाधिकारी ने बताया कि असालतगंज जंगल में जल्द हिरणों की मौजूदगी और शिकार की पाबंदी के बोर्ड लगाए जाएंगे। हिरणों की मन पसंद घास या फसल भी वन क्षेत्र में छोटे-छोटे स्थान पर उगाई जाएगी। कुछ अन्य सुविधाओं पर भी विचार चल रहा है। इस पर भी जल्द निर्णय लिया जाएगा।
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