बताया जा रहा है कि स्कूल खुलने के बाद सभी स्कूलों में यह नजारा आसानी से देखा जा सकेगा। शिक्षकों ने स्कूल के रोजाना के कार्यों में पुस्तकालय के काम को शामिल करके इसे तैयार कर दिया है। वहीं इस सत्र के लिए विभाग से करीब छह लाख रुपये भी देने के लिए कहा गया है। इस राशि से जिले के 2000 से अधिक परिषदीय व उच्च परिषदीय विद्यालयों में इतिहास, विज्ञान समेत कई अन्य विषयों की कहानी आधारित पुस्तकें मुहैया कराई जाएंगी।
बीएसए डॉ.पवन तिवारी ने बताया कि, पुस्तकालय की देखरेख विद्यालय के शिक्षक करेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग के आला अफसरों ने बताया कि स्कूल अन्य पीरियड की तरह बच्चों के लिए रोजाना एक पीरियड निर्धारित होगा, जिसमें वह पुस्तकालय में बैठकर पढ़ाई करेंगे। पिछले सत्रों में परिषदीय विद्यालयों के लिए तीन और उच्च परिषदीय विद्यालयों के लिए पांच हजार रुपये दिए जाते थे। हालांकि इस सत्र में कुल छह लाख रुपये बतौर बजट आवंटित हुआ है।