अधिकारियों के मुताबिक गैंगमैन के डिवाइस को इस्तेमाल करते ही मामले की जानकारी रेलवे कंट्रोल रूम को मिल जाएगी. इसके बाद कंट्रोल रूम में मौजूद व्यक्ति जीपीएस के माध्यम से गैंगमैन की लोकेशन ट्रेस कर उस तरफ जाने वाली ट्रेन के ड्राइवर को तत्काल मैसेज भेजकर ट्रेन रुकवा देगा.
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक इस डिवाइस के माध्यम से रेलवे कर्मचारी होने वाले ट्रेन हादसों को समय रहते रोक सकते हैं. जीपीएस आधारित डिवाइस के यूज होने के बाद कंट्रोल रूम के माध्यम से रेलवे अधिकारियों व ट्रेन ड्राइवरों के बीच कम्यूनिकेशन करने में चंद सेकेंड का समय लगेगा. इससे ट्रेन हादसों को समय रहते रोकने में काफी मदद मिलेगी. साथ ही रेलवे को दुर्घटनाओं में होने वाले नुकसान से भी राहत मिलेगी.
एनसीआर सीपीआरओ गौरव कृष्ण बंसल के मुताबिक रेलवे ट्रैक की पेट्रोलिंग करने वाले गैंगमैन व कीमैन को जीपीएस आधारित डिवाइस देनी शुरू कर दी गई है. एनसीआर जोन में कुल 200 डिवाइस आई थीं. जिनको इलाहाबाद, आगरा व झांसी मंडल के अंतर्गत काम करने वाले गैंगमैन व कीमैन को दे दिया गया है. कर्मचारियों की संख्या के मुताबिक अभी डिवाइस कम हैं. बोर्ड में प्रस्ताव भेज कर कुछ और डिवाइस मंगाई गई हैं.
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक ट्रैक की निगरानी करने वाले गैंगमैन व कीमैन को दी जाने वाली जीपीएस आधारित डिवाइस एक कीपैड मोबाइल जैसी है, जिसमें एक शार्टकट बटन होता है. आपातकाल स्थिति में गैंगमैन के यह बटन दबाते ही कंट्रोल रूम व ट्रैक मेंटीनेंस से जुड़े अधिकारियों के पास एक मैसेज पहुंचेगा. कंट्रोल रूम में मैसेज पहुंचते ही वह जीपीएस के माध्यम से उसकी लोकेशन चेक कर सकेंगे. इसके बाद उस ओर जा रही ट्रेन के ड्राइवर से संपर्क कर ट्रेन को रुकवा दिया जाएगा.