अब स्नातक में सेमेस्टर आधारित होंगी परीक्षाएं दरअसल इस सत्र से सरकार द्वारा तैयार की गई नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन विवि व संबद्ध महाविद्यालयों में होना है। जिसके बाद स्नातक स्तर पर वार्षिक नहीं बल्कि सेमेस्टर आधारित परीक्षाएं होंगी। साथ ही स्नातक के छात्रों को कुल छह विषय पढ़ने होंगे। जिले में प्रत्येक वर्ष करीब ढाई लाख छात्र-छात्राएं स्नातक स्तर पर प्रवेश लेते हैं। कूटा अध्यक्ष डा. बीबी पांडेय का कहना है कि अब छह विषय होने पर छात्रों और शिक्षकों के लिए सत्र चुनौतीपूर्ण होगा। छात्रों को जमकर मेहनत करनी होगी।
छात्रों को नई शिक्षा नीति के तहत करनी होगी पढ़ाई वहीं सीएसजेएमयू के कुलपति प्रो. विनय पाठक ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत हुए बदलाव की जानकारी शिक्षकों को दी जा चुकी है। छात्रों को भी इसी नीति के तहत पढ़ाई करनी होगी। बताया गया कि विश्वविद्यालय से संबद्ध अभी तक किसी भी विधि महाविद्यालय मेें बीए एलएलबी आनर्स का कोर्स नहीं है। पांच वर्षीय इस कोर्स की खासियत यह है कि इसमें छात्र को किसी विषय में विशेषज्ञता के साथ डिग्री मिलेगी। क्योंकि इस कोर्स में कुछ प्रश्न पत्र बढ़ जाते हैं, जिससे उसे आनर्स की डिग्री मिलती है।
कुलपति ने बताया बार काउंसिल आफ इंडिया के सदस्यों ने निरीक्षण के दौरान कक्षाएं, प्रयोगशालाएं, शिक्षकों की संख्या, संचालित कोर्सों का पिछला परीक्षा परिणाम व मूक कोर्ट समेत अन्य सुविधाओं का जायजा लिया। कुलपति प्रो. विनय पाठक ने बताया कि सत्र 2021-22 से यह कोर्स संचालित होगा। विश्वविद्यालय स्तर पर इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। इसी साल से इस कोर्स में दाखिले की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद जताई गई है। इस कोर्स के लिए अभी 120 सीटों पर प्रवेश लिया जाएगा हैं, प्रवेश परीक्षा के आधार पर होगा।