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जब असम में हुआ था एनआरसी लागू तो कानपुर में चला था ऐसा फर्जीवाड़ा, पुलिस हुई सक्रिय

locationकानपुरPublished: Dec 05, 2020 09:16:29 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

सेंटर से पकड़े गए आरोपी और फरार मुख्य आरोपी के ई-मेल से इससे संबंधित दस्तावेज पुलिस के हांथ लगे हैं।

असम में हुआ एनआरसी लागू तो कानपुर में चला ऐसा फर्जीवाड़ा, पुलिस हुई सक्रिय

असम में हुआ एनआरसी लागू तो कानपुर में चला ऐसा फर्जीवाड़ा, पुलिस हुई सक्रिय

कानपुर-फर्जी जनसुविधा केन्द्र में आधार कार्ड बनाने का मामला कानपुर के कैलाश विहार जाजमऊ में सामने आया है। फर्जी दस्तावेजों पर ये आधार कार्ड पिछले वर्ष उस समय बने हैं, जब असम में एनआरसी लागू हुआ था। उसके बाद यहां असम के तमाम लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से आधार कार्ड बनवाए हैं। बुधवार रात को सेंटर से पकड़े गए आरोपी और फरार मुख्य आरोपी के ई-मेल से इससे संबंधित दस्तावेज पुलिस के हांथ लगे हैं। आशंका है कि आधार कार्ड बनवाने वाले असम के ये लोग बांग्लादेशी घुसपैठिये और रोहिंग्या हैं।
एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि पकड़े गए आरोपी शैलेंद्र साहू से पूछताछ और मोबाइल व लैपटॉप को खंगालने पर अहम जानकारियां हांथ लगी हैं। तमाम दस्तावेज असम के मिले हैं। एसपी का कहना है कि जब असम में एनआरसी लागू हुआ तो वहां रहने वाले बांग्लादेशियों, रोहिंग्याओं व अन्य देशों के लोगों को जेल जाने का खतरा सताने लगा। ये लोग ई-मेल पर जानकारी भेज देते थे। केवल थंब इंप्रेशन देने आते थे। सुनील व शैलेंद्र फर्जी दस्तावेज तैयार कर इनके आधार कार्ड बना देते थे। कुछ नाम भी पुलिस वालों को मिले हैं। इसके आधार पर पुलिस ने जांच आगे बढ़ा दी है।
शैलेंद्र साहू को जेल भेज दिया गया है, जबकि सुनील पाल अभी फरार है। यह दोनों पैरों से दिव्यांग है। एसपी ने बताया कि सुनील के ई-मेल से महत्वपूर्ण डाटा मिला है। जिन लोगों के आधार कार्ड व अन्य फर्जी दस्तावेज बनाए हैं, उनमें से कुछ के नाम, पता व मोबाइल नंबर मिले हैं। पुलिस ये मोबाइल नंबर अहम मान रही है। क्योंकि आधार बनाते समय वैलिड मोबाइल नंबर होना जरूरी होता है। इसी पर ओटीपी जाता है। पुलिस का मानना है कि जिन लोगों ने आधार कार्ड बनवाए हैं, वे मोबाइल नंबर वही इस्तेमाल कर रहे जो रजिस्टर है। इसलिए सर्विलांस टीम को लगाया गया है।
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