एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि पकड़े गए आरोपी शैलेंद्र साहू से पूछताछ और मोबाइल व लैपटॉप को खंगालने पर अहम जानकारियां हांथ लगी हैं। तमाम दस्तावेज असम के मिले हैं। एसपी का कहना है कि जब असम में एनआरसी लागू हुआ तो वहां रहने वाले बांग्लादेशियों, रोहिंग्याओं व अन्य देशों के लोगों को जेल जाने का खतरा सताने लगा। ये लोग ई-मेल पर जानकारी भेज देते थे। केवल थंब इंप्रेशन देने आते थे। सुनील व शैलेंद्र फर्जी दस्तावेज तैयार कर इनके आधार कार्ड बना देते थे। कुछ नाम भी पुलिस वालों को मिले हैं। इसके आधार पर पुलिस ने जांच आगे बढ़ा दी है।
शैलेंद्र साहू को जेल भेज दिया गया है, जबकि सुनील पाल अभी फरार है। यह दोनों पैरों से दिव्यांग है। एसपी ने बताया कि सुनील के ई-मेल से महत्वपूर्ण डाटा मिला है। जिन लोगों के आधार कार्ड व अन्य फर्जी दस्तावेज बनाए हैं, उनमें से कुछ के नाम, पता व मोबाइल नंबर मिले हैं। पुलिस ये मोबाइल नंबर अहम मान रही है। क्योंकि आधार बनाते समय वैलिड मोबाइल नंबर होना जरूरी होता है। इसी पर ओटीपी जाता है। पुलिस का मानना है कि जिन लोगों ने आधार कार्ड बनवाए हैं, वे मोबाइल नंबर वही इस्तेमाल कर रहे जो रजिस्टर है। इसलिए सर्विलांस टीम को लगाया गया है।