मरियमपुर अस्पताल का मामला
औरैया जिला के बनारसीदास निवासी रवि कुमार ने बताया कि गर्भवती पत्नी को लेकर वो मरियमपुर हॉस्पिटल लेकर आए। 25 की शाम को पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया। डॉक्टर मनाली ने बच्चे की तबियत खराब होने की बात कह उसे तीन दिन तक नर्सरी वार्ड में रखा। 28 मई को अस्पताल ने सुरथि को डिस्चार्ज कर दिया।
3 जून को काट दिया अंगूठा
बच्चे के पिता के मुताबिक डॉक्टर मनाली ने हमें बच्चे को लेकर 3 जून को अस्पताल बुलाया था। हम सोमवार को अस्पताल पहुंचे। डॉक्टर मनाली ने बच्चे का चेकअप करने के बाद वीगो को हटावाने के लिए नर्स के पास भेज दिया। नर्स ने नवजात के बाएं हाथ पर लगे वीगो को हटाने के दौरान कैंची से उसका अंगूठा काट दिया। इस इौरान बच्चा जोर-जोर से रोनें लगा और बेहोश हो गया। दंपत्ति उसे लेकर रीजेंसी पहुंचे।
तब नर्स की करतूत आई सामनें
रीजेंसी के डॉक्टर एसके गुलाटी ने बच्चे के हाथ में बंधी पट्टी खोली तो पता चला कि उसका अंगूठा ही गायब है। डॉक्टर गुलाटी ने बच्चे के पिता को पूरी घटना बताई और कहा कि यदि कटा अंगूठा मिल जाए तो उसकी प्लास्टिक सर्जरी कर जोड़ देंगे। बच्चे के पिता सीधे मरियमपुर अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों से अपने बच्चे का अंगूठा मांगा, लेकिन उन्होंने देने से इंकार कर दिया। इस बीच रवि के साथ परिजन हंगामा करने लगे तो अस्पताल प्रबंधक ने सिक्योरिटी गार्ड के जरिए सभी को बाहर करवा दिया।
फिर रोने लगा बच्चा
पिता के मुताबिक जब हम बच्चे को लेकर मरियमपुर पहुंचे थे तब वो किलकारियां मार कर हंस रहा था। लेकिन कुछ देर के बाद वो रोने लगा और बेहोश हो गया। डॉक्टर गुलाटी ने कटा अंगूठा लाने को कहा पर डॉक्टरो ंने देने से इंकार कर दिया। मामले पर सीओ नजीराबाद अजीत रजक ने बताया कि आईपीसी की धारा 326 के तहत डॉक्टर व नर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस पूरे प्रकरण की जांच कर रही है और दोषी पाए जाने पर आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।