कानपुर

आईआईटी की मदद से तैयार क्रैंपन बूट्स बर्फीली पहाडिय़ों पर जवानों को देंगे मदद

अभी तक भारतीय सेना में इस्तेमाल होते हैं इटैलियन बूट्स ओईएफ और आईआईटी ने मिलकर इन्हें किया है तैयार

कानपुरSep 22, 2019 / 12:14 pm

आलोक पाण्डेय

आईआईटी की मदद से तैयार क्रैंपन बूट्स बर्फीली पहाडिय़ों पर जवानों को देंगे मदद

कानपुर। बर्फीली पोस्ट पर तैनात भारतीय सेना के जवानों के लिए ओईएफ और आईआईटी ने मिलकर क्रैंपन बूट्स तैयार किए हैं। यह बूट्स अभी तक इटली समेत अन्य देशों से आयात करने पड़ते हैं। जल्द ही जवानों को इसी गुणवत्ता के स्वदेशी बूट्स पहनने को मिलेंगे। कानपुर की आर्डनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री (ओईएफ) ने इसे तैयार करने में आइआइटी कानपुर की तकनीकी मदद ली है। इन्हें परीक्षण के लिए डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) को भेज दिया गया है।
धातु का किया गया इस्तेमाल
ओईएफ ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर से धातु से बने बूट्स के बेस की डिजाइनिंग आदि के लिए सहयोग लिया है। अधिकारियों ने बताया कि सेना की आवश्यकता और विदेशों से मंगाए जा रहे बूटों की गुणवत्ता के अनुरूप क्रैंपन बूट्स बनाया गया है। इसका सैंपल डीआरडीओ को भेज दिया गया है। कोई सुधार बताया जाता है तो वह भी कर दिया जाएगा।
विदेशी बूट्स के मुकाबले सस्ते
विदेशों से मंगाए जाने वाले बूट्स के मुकाबले ओईएफ में बना बूट्स 30 फीसद सस्ता होगा। अभी इटली व अन्य देशों से हर साल 30-40 हजार बूट्स आयात किए जाते हैं। सेना के साथ ही बर्फीले इलाकों में तैनात सीमा सुरक्षा बल समेत अन्य अद्र्धसैनिक बलों में भी इस बूट्स की खासी डिमांड है। इसके अलावा पर्वतारोहण करने वालों में भी इसकी मांग है। सेना की सप्लाई शुरू होने के बाद ओईएफ अन्य क्षेत्रों में भी बूट्स की आपूर्ति का मार्ग तलाशेगी।
बूट्स की खास बात
बूट्स के बेस में लगे मेटल के नुकीले हिस्से बर्फ में पकड़ बनाते हैं। इसमें दाएं-बाएं और आगे पीछे लगे धातु के एंगल बर्फ के पहाड़ पर चढऩे में मदद करते हैं। ओईएफ में बना क्रैंपन बूट्स विदेशों के मुकाबले 30 फीसद सस्ता होगा।

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