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देश को बोफोर्स देने वाली कंपनी अब ओएफसी में बनी बैरल की हुई मुरीद

locationकानपुरPublished: Jul 28, 2019 02:01:05 pm

ओएफसी में तैयार हुई तीन बैरलों की खेप स्वीडन के लिए रवाना पूरी तरह स्वदेशी उपकरण के साथ तैयार की गई बैरल

OFC kanpur

देश को बोफोर्स देने वाली कंपनी अब ओएफसी में बनी बैरल की हुई मुरीद

कानपुर। जिस देश ने १९८६ में भारत को बोफोर्स दी थी अब वही देश ओएफसी में बनी बैरल का उपयोग करेगा।आर्डर के मुताबिक तीन बैरल तैयार कर ओएफसी ने इतिहास रच दिया। तैयार की गई तीन बैरल को स्वीडन के लिए रवाना कर दिया गया। बैरलों को हवाई जहाज के माध्यम से स्वीडन भेजा जाएगा। बैरल जाने की प्रक्रिया को काफी गोपनीय रखा गया था।
कारगिल में काम आयी थी बोफोर्स
1986 में भारत सरकार ने स्वीडन की कंपनी से कई हजार करोड़ के रक्षा खरीद के तहत 400 तोपों को खरीदा था। जिन्हें बाद में देश की सरहदों पर तैनात किया था। कारगिल युद्घ के दौरान इन तोपों ने दुश्मनों की जमकर खबर ली थी। इसी तोप का अपग्रेड वर्जन ओएफसी और फील्डगन ने मिलकर धनुष तैयार किया है। धनुष को सेना में शामिल किया जा चुका है।
छह महीने पहले मिला था आर्डर
ओएफसी के सूत्रों ने बताया कि बोफोर्स कंपनी ने निर्माणी को बोफोर्स तोप से उच्चीकृत तोप की बैरल बनाने के आर्डर 5-6 महीने पहले दिये थे। 25 जून को स्वीडन स्थित बोफोर्स टेस्ट सेंटर के दो प्रतिनिधि निर्माणी आए थे। 26 और 27 जून को दोनों प्रतिनिधियों ने बैरल का निरीक्षण किया था। सूत्रों ने बताया कि कंपनी के दोनों प्रतिनिधियों को बैरल की क्वालिटी और तकनीक बेहद पसंद आई थी। क्वालिटी की विशेष सराहना की थी।

स्वदेशी उपकरण से बनी बैरल
निर्माणी के सूत्रों ने बताया कि कंपनी की मांग के अनुरूप बैरल को तैयार किया गया है। 155 गुणा 52 कैलीबर तोप के लिए करीब आठ मीटर लंबी बैरल बनाई गई है। इसमें उच्च क्वालिटी वाले उत्पादों के साथ तैयार किया गया है। इसमें लगे सभी उपकरण स्वदेशी हैं।
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