कानपुर

सरकार की इस योजना से दौड़ी थी खुशी की लहर, अब इस लापरवाही से जूझ रहे किसान

पिछले दिनों कई बार तेज बारिश से नुकसान हुआ तो सैकड़ों किसानों ने क्लेम के लिए दावा किया।

कानपुरMar 29, 2019 / 11:23 pm

Arvind Kumar Verma

सरकार की इस योजना से दौड़ी थी खुशी की लहर, अब इस लापरवाही से जूझ रहे किसान

कानपुर देहात-केंद्र सरकार ने फसलों के नुकसान से जूझ रहे देश के किसानों को राहत देते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का शुभारंभ किया। जिससे किसानों को राहत दी जा सके, लेकिन कानपुर देहात में अफसरों की लापरवाही ने किसानो को छका दिया है। योजना के शुभारंभ के पूर्व जिस तरह उसकी सफलता को लेकर दावे किए गए, देखा जाए तो जमीनी हकीकत इसके विपरीत है। दरअसल कई वर्ष बीतने के बाद भी बीमा कंपनी शहर में अपना कोई दफ्तर नहीं बना सकी है। इस वजह से किसान फसल बीमा संबंधी शिकायतें करने के लिए दर-दर भटकते हैं। उनकी फसलों का निर्धारित 48 घंटे के अंदर सर्वे नहीं हो पाता, फिर बीमा कंपनी क्लेम देते समय इतने सवाल खड़े कर देती है कि अधिकांश किसान फसल नष्ट होने के बाद भी क्लेम से वंचित हो रहे हैं।
 

कृषि विभाग की मानें तो इस रबी सीजन में 69484 किसानों की बीमित फसलों का 23 करोड़ 91 लाख 7266 रुपये प्रीमियम बीमा कंपनी में जमा हुआ। पिछले दिनों कई बार तेज बारिश से नुकसान हुआ तो सैकड़ों किसानों ने क्लेम के लिए दावा किया। इसमें बीमा कंपनी ने 8 किसानों को ही उपयुक्त पाया। सर्वे के दौरान चार दावे निरस्त कर दिये और क्लेम के नाम पर बचे महज चार किसानों को अभी तक क्लेम के नाम पर एक रुपया भी नहीं दिया है।
 

झींझक ब्लाक के किसान राजू यादव ने बताया कि पिछले खरीफ सीजन में खेत में धान व बाजरा की बुवाई की। तेज बारिश से फसल बर्बाद हुई तो कृषि व बीमा कंपनी को सूचना दी गयी। शिकायत पर कृषि अधिकारी ने 29 अगस्त को बीमा कंपनी को फसल बर्बाद का सत्यापन करते हुए क्षतिपूर्ति देने के निर्देश दिए, लेकिन अभी तक क्लेम नहीं मिल सका है। झींझक निवासी किसान धर्मेंद्र सिंह का कहना है कि बारिश से फसल बर्बाद होने पर फसल बीमा के लिए दौड़ भाग की। इसके बावजूद लापरवाही करते हुए उनकी फसल बर्बाद की सूची में डाल दी गयी, इससे क्लेम नहीं मिल सका।
 

उपनिदेशक कृषि विनोद कुमार यादव के मुताबिक खरीफ सीजन में 102 किसानों को क्लेम दिलाया जा चुका है। रबी में क्राप कटिग के बाद भुगतान होगा। शिकायत मिलने पर सर्वे के लिए बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों को निर्देशित किया जाता है।
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