ये भी पढ़ें: शादी अनुदान योजना फर्जीवाड़े में 19 लेखपालों के खिलाफ केस दर्ज, बड़ी कार्रवाई आपको बता दें कि अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना में बड़े स्तर पर घोटाला सामने आया था, जिसमें 1500 से अधिक लाभार्थी अपात्र पाए गए हैं। करीब तीन करोड़ से अधिक का गबन हुआ है। मामले में कई अफसरों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई। बताया गया कि घोटाला लेखपालों व कानूनगो की लापरवाही से हुआ है। कानूनगो, नायब तहसीलदार, तहसीलदार और एसडीएम ने भी आंख मूंदकर फार्मों को सत्यापित किया, इससे अपात्रों ने भी पात्र बनकर लाभ उठाया।
ऐसा दोबारा न हो इसके लिए डीएम आलोक तिवारी ने सीडीओ को विशेष कार्ययोजना तैयार करने के लिए कहा है। ऐसे में अब नायब तहसीलदार, तहसीलदार, एसडीएम और सीडीओ व विभागों के स्तर से खुद ही जांच कराने की तैयारी में है। अगर किसी अपात्र को लेखपाल पात्र बनाते हैं तो दोनों पर मुकदमा होगा। फिलहाल घोटाले में निलंबित चल रहे लेखपाल बहाली के बाद घाटमपुर, नर्वल और बिल्हौर तहसील में तैनात किए जाएंगे।