दरअसल ग्राम पंचायत चिरौरा में ग्राम समाज की जमीन समेत पीड़ित के लिए निकलने वाले रास्ते पर गांव के दबंग ने ग्राम प्रधान व पुलिस की सह पर कब्जा कर लिया है। बताया गया कि ज़मीन की कीमत लाखों रूपये है। ग्राम पंचायत चिरौरा में रहने वाले पीड़ित सख्श जैनेन्द्र ने ग्राम समाज की ज़मीन व रास्ता बचाने के लिए प्रधान, तहसीलदार, एसडीएम, आइजीआरएस सहित मुख्यमंत्री हेल्पलाइन तक भूमाफिया व पुलिस की शिकायत की, लेकिन कोई हल नहीं निकला। दस्तावेज़ों में यह ज़मीन ग्राम समाज के खाते में दर्ज है और सरकारी नक्शे में रास्ता भी दर्ज है, लेकिन बावजूद इसके कोई कार्यवाही नहीं हुई। वहीं गांव के पीड़ित शिकायतकर्ता ने बताया कि गांव के रहने वाले भगवानदीन ने ग्राम समाज से 150 वर्ग का पट्टा लिया था।
आरोप है कि दबंग भगवानदीन ने ग्राम प्रधान की सह पर पट्टे की जमीन के बाद पहले रास्ते की जमीन और रास्ते के पास पड़ी ग्राम समाज की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया। रास्ता बंद हो जाने के बाद पीड़ित ने एसडीएम समेत तहसील अधिकारियों से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई। शिकायत के बाद दबंग भूमाफिया और प्रधान ने पुलिस का सहारा लिया और फिर पीड़ित की सुने बिना जबरन घर पहुंचे और गली गलौच करते हुये मारपीट की। फिर पीड़ित को उठाकर धारा 151 मे चालान कर दिया।
यही नहीं जब पीड़ित ने अपनी आप बीती अधिकारियों को बताई और रास्ता खुलवाने के लिए दुबारा शिकायत की तो पुलिस दोबारा पीड़ित के घर जा पहुची। पुलिस को देखकर पीड़ित व उसका बेटा घर से भाग निकले। इसके बाद पुलिस ने मासूम बच्चो के सामने पीड़ित की 50 वर्षीय विकलांग पत्नी से गली गलौच करते हुये मारपीट की। साथ ही भूमाफिया को कब्जे की जगह पर पक्का निर्माण करने के लिए आदेशित किया है। पूरे मामले व दारोगा की दबंगई को लेकर पीड़ित व उसके बेटे ने क्षेत्रधिकारी अकबरपुर से न्याय की गुहार लगाई है।
वहीं गांव के प्रत्यक्षदर्शी बुजुर्ग ने बताया कि रात्रि के समय पुलिस ने पीड़ित के घर आकर भद्दी-भद्दी गलियां दी और 62 वर्षीय पीड़ित बुजुर्ग पर पुलिस ने मारपीट कर बेइज्जत किया। ये पुलिस को नहीं करना चाहिए। पुलिस व रनियां चौकी का दरोगा खुद भूमाफिया से मिला है और खुद कब्जा करने मे सहयोग कर रहा है। पुलिस को दोनों पक्षो की सुननी चाहिए। पुलिस एकतरफा कार्यवाही कर पीड़ित के साथ अन्याय कर रही है। इस मामले मे लेखपाल समेत राजस्व की टीम नापतौल करे। पुलिस को इस तरह का घिनौना कार्य नहीं करना चाहिए।