कानपुर

खूबसूरत महिलाओं को आगे कर बैंक अफसरों को फंसाता था और लोन लेकर हो जाता रफूचक्कर

हनीट्रैप में फंसाकर करोड़ों की लगाई चपत, हर खेल में कोई न कोई महिला शामिलपांच बैंकों से ३४ फर्जी फर्म के नाम पर लिया लोन, अब तक आठ कारनामे खुले

कानपुरJun 19, 2019 / 11:42 am

आलोक पाण्डेय

खूबसूरत महिलाओं को आगे कर बैंक अफसरों को फंसाता था और लोन लेकर हो जाता रफूचक्कर

कानपुर। हनीट्रैप यानि शहद का जाल, मतलब ऐसा जाल जिसमें मीठे सपने दिखाकर किसी को फंसाया जाता है। ऐसा ही जाल नटवरलाल ओम जायसवाल उर्फ राजन अहलूवालिया उर्फ ओपी जायसवाल ने फेंका और बैंक अफसरों को फंसाकर उनसे लोन कराया और बैंकों को एक अरब का चूना लगाकर फरार हो गया।
खूबसूरत महिला का लेता था सहारा
बैंक अफसरों को बातों में फंसाकर लोन कराने के लिए ओम हर बार खूबसूरत महिला का सहारा लेता था। यही महिला बैंक अफसरों को लोन के लिए राजी करती थी, बैंक जाने से लेकर पैसे निकालने और जमा करने का पूरा काम महिला के जरिए ही होता था। राजस्थान में उसकी एक महिला साथी गिरफ्तार की गई, जिसने साजिश की पूरी परतें खोलीं।

पांच बैंकों से ३४ फर्मों के नाम पर लोन लिया
ओम ने शहर में निजी से लेकर सरकारी बैंकों को भी भारी चपत लगाई। जालसाज ने बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, आईसीआईसीआई और एचडीएफसी बैंकों से 34 कंपनियों व फर्मों के खातों पर लोन लिया था।
तैयार करता था फर्जी फर्म
जालसाज ने लोन कराने के लिए खुद व अपने साथियों के नाम से दर्जनों फर्जी फर्में बनाईं। जबकि ये फर्में अस्तित्व में ही नहीं थीं। इसका वाणिज्यकर समेत अन्य संबंधित विभागों में पंजीकरण भी नहीं था, फिर फर्मों का करोड़ों रुपये का व्यापार दिखाकर बैंकों से लोन लिया।
शहर में आठ बार की ठगी
अभी तक शहर में उसने आठ बार ठगी की है। इसमें कोतवाली, फीलखाना, घाटमपुर, गंगाघाट उन्नाव समेत दो-दो मामले नौबस्ता और किदवई नगर में दर्ज हैं। वहीं तीन मामले राजस्थान के सीकर में दर्ज हुए। पुलिस के मुताबिक, आरोपी का इतिहास खंगाला जा रहा है, जिससे पता चलेगा कि देशभर में उसके खिलाफ कितने मामले दर्ज है।
इस तरह लगायी चपत
ओम जायसवाल बंद पड़े होटलों और अन्य संपत्तियों का एग्रीमेंट टू सेल करके इन संपत्तियों का वास्तविक से कई गुना अधिक वैल्यूएशन करवाता था। वह अलग-अलग नामों से तैयार किए गए आयकर विवरण, टैक्स जमा की रसीद, वोटर कार्ड आदि फर्जी दस्तावेजों पर बैंकों से लोन लेता था। नटवरलाल ने अधिकतर लोन में जो बैंक गारंटी लगाई थी, वह फर्जी निकली, जिससे बैंक का पैसा डूब गया। कई मामलों में उसने जो गारंटी की रकम लगाई थी, उसे बैंक अधिकारियों से मिलकर कैश करा लिया।
खुद को मरा साबित करने का प्रयास
एक बार हरिद्वार में ओम जायसवाल गंगा किनारे कपड़े छोड़कर भाग गया। फिर दूसरी बार मुरादाबाद के गढ़मुक्तेश्वर में गंगा किनारे कार खड़ी कर गायब हो गया। ये करतूत उसने खुद को मरा साबित करने के लिए की थी। जिससे बैंकों से लिया हुआ कर्जा मरने के साथ-साथ खत्म हो जाए।
 

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