जनरल टिकटों की बिक्री के लिए रेल प्रशासन किसी प्राइवेट व्यक्ति को जनरल टिकट बेचने के लिए अधिकृत कर देता है. इसे जनसाधारण टिकट बुकिंग सेवक कहा जाता है. यहां से यात्री अभी तक एक रुपए अतिरिक्त शुल्क देकर एक्सप्रेस, सुपरफास्ट व सेकेंड क्लास का अनारक्षित टिकट प्राप्त करने के अलावा प्लेटफार्म टिकट भी खरीद सकता है.
सेंट्रल स्टेशन कैंट साइड स्थित जनसाधारण टिकट बुकिंग केंद्र संचालक शिवम ने बताया कि जेटीबीएस संचालकों को पांच फीसदी कमीशन सुविधा लागू की जाए. जैसे कि रेलवे एटीवीएम संचालित करने वाले रेलवे के रिटायर्ड कर्मचारियों को देती है. इससे जनसाधारण टिकट बुकिंग सेवा केंद्र संचालकों के साथ-साथ यात्रियों को भी काफी राहत मिलेगी.
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक रेलवे के लागू किए गए नए नियम से कानपुर सेंट्रल स्टेशन से प्रतिदिन सफर करने वाले हजारों दैनिक यात्री व सैकड़ों आम रेल यात्री प्रभावित होंगे. रेलवे के आंकड़ों पर नजर डाले तो कानपुर सेंट्रल स्टेशन से प्रतिदिन 10 हजार से अधिक एमएसटी धारक सफर करता है. वहीं 30 हजार से अधिक दैनिक यात्री लोकल ट्रेनों में सफर करता है.
कानपुर सेंट्रल स्टेशन में कार्यरत टिकट बुकिंग क्लर्क के मुताबिक हर माह 10 हजार एमएसटी बनती हैं. इसमें सिर्फ कानपुर सेंट्रल स्टेशन के काउंटर से तीन हजार से अधिक कानपुर से लखनऊ, इटावा, इलाहाबाद, रूट की एमएसटी बनती हैं. वहीं कानपुर के विभिन्न निजी काउंटर से हर माह लगभग 6 से 7 हजार एमएसटी जारी होती है. नए नियम लागू होने से अब एमएसटी धारक को निजी काउंटरों से नया एमएसटी बनवाने में पांच रुपए अधिक देना होगा.