scriptभाजपा गठबंधन में बगावत, ओमप्रकाश राजभर बनाएंगे नया गठबंधन | omprakash rajbhar SBSP split with NDA BJP | Patrika News

भाजपा गठबंधन में बगावत, ओमप्रकाश राजभर बनाएंगे नया गठबंधन

locationकानपुरPublished: Jul 07, 2018 11:07:49 am

ओम प्रकाश राजभर पिछड़ी जातियों की राजनीति करने वाले छह छोटे दलों का गठबंधन करेंगे।
 

om prakash rajbhar

भाजपा गठबंधन में बगावत, ओमप्रकाश राजभर बनाएंगे नया गठबंधन

कानपुर. मिशन 2019 की तैयारी में जुटी भाजपा को यूपी में तगड़ा झटका लगा है। सपा-बसपा के संभावित गठबंधन में योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर भी शामिल होंगे। राजभर ने भाजपा के साथ अपनी पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का संबंध तोडऩे का फैसला किया है। अलबत्ता राजभर सपा-बसपा के गठबंधन में सीधे तौर पर शामिल होने के बजाय छोटी-छोटी पार्टियों का गठबंधन बनाकर सहयोगी बनेंगे। एक साल से योगी सरकारी मुसीबत बने ओमप्रकाश राजभर ने यह निर्णय भाजपा में कथित उपेक्षा और अनुप्रिया पटेल की बढ़ती ताकत के कारण लिया है। राजभर के निर्णय से हैरान भाजपाइयों ने प्रत्यक्ष तौर पर खुशी जताई है, लेकिन पिछड़े मतदाताओ को लुभाने की नई तरकीब भी सोचने की बात कही है।

छह छोटे दलों को जोडऩे की मुहिम में जुटे हैं राजभर

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर एनडीए गठबंधन से अलग होकर दूसरा गठबंधन बनाने की तैयारी में जुटे हैं। उम्मीद है कि इसी साल अक्टूबर के अंत में यह गठबंधन अस्तित्व में आएगा। इंतजार है तो सिर्फ ठोस कारण सामने रखने के लिए एक मुद्दे का। राजभर पिछड़ी जातियों के आरक्षण में बंटवारे पर भाजपा नेतृत्व के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। मन-माफिक बंटवारा नहीं होने की स्थिति में अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में ओमप्रकाश राजभर खुद को एनडीए गठबंधन से अलग कर लेंगे। भाजपा से अलग होने पर ओम प्रकाश राजभर पिछड़ी जातियों की राजनीति करने वाले छह छोटे दलों को इक_ा करेंगे। इस मुद्दे पर संबंधित दलों के नेताओं से बातचीत जारी है। चर्चा है कि बाबू सिंह कुशवाहा, शिवशंकर चौहान, प्रेमचंद्र प्रजापति, जय प्रकाश निषाद, विश्वामित्र पाल और कृष्णा पटेल के दल को जोडक़र राजभर नया मंच बनाएंगे। इन लोगों को जोडऩे के बाद प्रदेश की 40 से अधिक सीटों पर उनका गठबंधन मजबूत दावा पेश करेगा। गठबंधन की शर्तों को जो बड़े दल मानेंगे, उसके साथ 2019 के चुनाव में जाएंगे। .

भाजपा को अपने फैसले से राजभर ने अवगत कराया

खबर है कि राजभर ने भाजपा नेतृत्व को बता दिया है कि सपा-बसपा गठबंधन की एकमात्र काट पिछड़ी जातियों के आरक्षण में बंटवारा है। पिछड़े वर्ग के आरक्षण को तीन हिस्सों में बांटकर ही मिशन 2019 को फतेह कर सकते हैं। भाजपा नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव से छह माह पूर्व यानी अक्टूबर तक इस बंटवारे पर फैसला लेने का भरोसा दिया है। इसी कारण राजभर अक्टूबर तक इंतजार करेंगे। हालांकि अंदरखाने खबर है कि बीते दिनों वाराणसी में सपा के वरिष्ठ नेता और अखिलेश यादव से नाराज उनके सगे चाचा शिवपाल सिंह यादव से मुलाकात के बाद ही राजभर नए गठबंधन की संभावनाओं पर काम कर रहे हैं। राजभर की रणनीति है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा का यूपी में नुकसान तय है। ऐसे में नये गठबंधन के जरिए तीसरे मोर्चे के साथ गलबहियां करना आसान रहेगा।
पिछड़ों की आरक्षण में बंटवारे का ऐसा फार्मूला चाहते हैं

गौरतलब है कि प्रदेश में 54 फीसदी आबादी पिछड़ी जातियों की है, जिन्हें 27 फीसदी आरक्षण मिलता है। भाजपा समर्थक चाहते हैं कि आरक्षण में बंटवार के फार्मूले में पिछड़ी जाति में 04 जातियां, अति पिछड़ी में 16 जातियां और सर्वाधिक पिछड़ी में 59 जातियां शामिल होनी चाहिए। 54 फीसदी पिछड़ी के जातियों में उनके बंटवारे के मुताबिक चार पिछड़ी जातियां 31 फीसदी, 16 अति पिछड़ी जातियां 26 फीसदी और 59 सर्वाधिक पिछड़ी जातियां करीब 38 फीसदी हैं। राजभर का कहना है कि पिछड़ी जातियों के आरक्षण का अधिकाधिक लाभ चार पिछड़ी जातियां जिनमें यादव, कुर्मी, जाट व सुनारों को मिलता है। इसी कारण अति पिछड़ी और सर्वाधिक पिछड़ी जातियों के लोग उपेक्षित हैं। देश के कई राज्यों में पिछड़ी जातियों के आरक्षण में बंटवारा है, इसलिए उत्तर प्रदेश में भी इसे लागू करना अनिवार्य है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो