एनसीआर जोन के एक आरपीएफ अधिकारी के मुताबिक धोखाधड़ी के मामलों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. इसकी वजह से अधिनियम में संशोधन कर नया प्रावधान बनाने की जरूरत काफी समय से महसूस की जा रही थी. इस पर रेलवे ने काम शुरू कर दिया है. अधिनियम में संशोधन पर अंतिम मुहर लगते ही इसे लागू किया जाएगा. रेलवे बोर्ड की ओर से इसका अनुमोदित किया जाना बाकी है. नए अधिनियम से लाखों यात्रियों को राहत मिलेगी. दलाल उनकी सीटों पर इतनी आसानी से डाका नहीं डाल सकेंगे.
आरपीएफ अधिकारियों के मुताबिक वर्तमान में टिकटों के अवैध रूप से बेचने, खरीदने या इस तरह का प्रयास करने वाले दलालों को सजा देने का एक प्रावधान है. अधिनियम के मुताबिक, आरोप सिद्ध होने पर तीन साल तक की जेल या फिर 10 हजार रुपए जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है.
कानपुर सेंट्रल पर टिकट की दलाली करने वाला एक कुली हाल ही में लाखों की टिकट के साथ पकड़ा गया था. जिसको आरपीएफ ने जेल भेज दिया था. जो दो दिन बाद ही जमानत पर छूट गया. बता दें कि कुली के रूप में काम करने वाले इस दलाल ने शहर में कई ट्रेवल्स एजेंसी खोल रखी हैं. जहां आपको विभिन्न रूटों की कंफर्म टिकट मिल जाएगी. आरपीएफ ने एक माह पूर्व ही कुली के पास से लाखों रुपए की कंफर्म रेल टिकटें बरामद की थीं.