पनकी इंडस्ट्रियल एरिया स्थित कंपनी वेद सेसोमैकेनिका कंपनी की फैक्ट्री में ट्रेनों की बोगी के फ्रेम बनाए जाते हैं। यहां के कर्मचारियों की मेहनत का नतीजा है कि आज यही कंपनी देश की सुपरफास्ट ट्रेन वंदेभारत की बोगी के फे्रम भी बना रही है। इससे पहले यही कंपनी शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस की बोगी फ्रेम भी बना चुकी है।
कंपनी के मालिक ने कर्मचारियों की तकलीफ महसूस की और कैंटीन चालू कराई। कंपनी के निदेशक आरएन त्रिपाठी ने बताया कि मैैं देखता था कि सुबह छह बजे की शिफ्ट के कर्मचारी टिफिन लेकर आते हैैं। तो सोचा कि इनके परिजन सुबह कितनी जल्दी उठते होंगे? फिर जल्दी-जल्दी तैयारी करते होंगे? परेशानी भी होती होगी, यहीं से लगा कि कैंटीन शुरू की जाए, जहां बहुत कम खर्च में भोजन की व्यवस्था हो। कैंटीन में एक थाली पर 45 रुपये खर्च आता है, लेकिन कर्मचारियों को मात्र 10 रुपये में दी जाती है। यह पैसा भी इसलिए लिया जाता है, ताकि कोई भोजन को थाली में छोड़कर बर्बाद न करे। भोजन की गुणवत्ता अच्छी रहे, इसे देखने के लिए मेरी पत्नी भी अक्सर आती रहती हैैं।
कंपनी में दो शिफ्ट में करीब ढाई सौ कर्मचारी काम करते हैैं। लेकिन, भोजन की यह विशिष्ट सुविधा सुबह की शिफ्ट में आने वाले सवा सौ कर्मचारियों के लिए ही है। थाली भी इनके पहुंचने से पूर्व ही तय समय पर लगा दी जाती है। भोजन करके थाली वहीं छोड़ दी जाती है। कैंटीन का पूरा फर्नीचर फैक्ट्री में ही तैयार किया गया है। मेज व टेबल अटैच हैं।