scriptपाकिस्तानी वकास बोला, १४ साल भारत में रहना भगवान राम के वनवास जैसा | Pakistani citizen Waqas Mahmud was released | Patrika News

पाकिस्तानी वकास बोला, १४ साल भारत में रहना भगवान राम के वनवास जैसा

locationकानपुरPublished: May 13, 2019 12:23:11 pm

गीता और चरक संहिता लेकर स्वदेश रवाना,१४ को उसे पाकिस्तान के सुपुर्द किया जाएगा

Waqas Mahmud was released

पाकिस्तानी वकास बोला, १४ साल भारत में रहना भगवान राम के वनवास जैसा

कानपुर। २००५ में भारत-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच देखने आए पाकिस्तानी नागरिक वकास महमूद १४ साल बाद अपने देश के लिए रवाना हो गया। जाने से पहले उसने अपने १४ साल के समय को भगवान राम के १४ साल के वनवास जैसा बताया। बोला भारत में बहुत अच्छा लगा और अगर वीजा मिला तो फिर से भारत आना चाहता हूं। वह श्रीमद्भगवत गीता से काफी प्रभावित हुआ। वकास को २००९ में देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में पकड़ा गया था। जिसके बाद से १० साल तक जेल में भी रहना पड़ा।
जेल में रहकर पढ़ी भगवतगीता
जेल में रहने के दौरान पाकिस्तान में बीएससी तक शिक्षा ग्रहण करने वाले वकास ने कानपुर जेल में इग्नू से वर्ष 2014 में गणित व सोशल साइंस से पोस्ट ग्रेजुएशन किया उसने बताया कि जेल में रहकर क्रिमिनल एक्ट, ज्योतिष की तीन किताबें और होम्योपैथी की किताब, श्रीमदभागवत गीता, चरक संहिता आदि पढ़ीं। उसने कहा कि मुझे भारत में बहुत अच्छा लगता है। यदि वीजा मिलेगा तो वह फिर आएगा। वकास ने अपनी सजा के बारे में कहा उसने भी भगवान राम की तरह वनवास काटा है। वतन वापसी पर बहुत खुशी है परिवार और मित्रों के साथ ईद का त्योहार मनाउंगा। साथ ही पिता के साथ मिलकर सूटकेस के कारोबार को संभालेगा।
धोखे से किया था निकाह
वकास का दिल्ली के होटल से वीजा और पासपोर्ट चोरी हो गया था। इसके बाद वह भागकर मुंबई पहुंच गया। वहां मछली का कारोबार करने लगा। उसी दौरान मूल रूप से औरैया के रहने वाले एक कारोबारी के संपर्क में आया। फिर उसके साथ वह औरैया आ गया और उसकी बेटी से निकाह भी कर लिया था। हालांकि, वकार की वास्तविकता का पता चलने पर उसने तलाक दे दिया गया।
२००९ में हुआ गिरफ्तार
वकास को बिठूर पुलिस ने कानपुर के एक साइबर कैफे से 27 मई 2009 को गिरफ्तार किया था। उस पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था। उसके पास कई नक्शे भी मिले थे। कोर्ट के समक्ष पेश करने पर उसे 10 साल की सजा सुनाई गई थी। इसी साल 12 मार्च को जेल से रिहा हुआ था। नागरिकता सत्यापित न होने की वजह से वकास को दो महीने बिठूर थाने में रहना पड़ा।
मंगलवार को पाक के सुपुर्द किया जाएगा
बिठूर थाने की पुलिस और एलआईयू टीम के साथ वकास को अमृतसर भेजा गया है। 14 मई को 12 बजे उसे बाघा बॉर्डर पर पाकिस्तान के सुपुर्द कर दिया जाएगा। एलआईयू इंस्पेक्टर अनुपम गौर ने बताया कि पाकिस्तानी दूतावास के जरिए वकास की नागरिकता सत्यापित हो गई है। वह लाहौर के रावी रोड की गली नंबर तीन में रहता था। उसके पिता महमूद अहमद और मां परवीन के बारे में भी जानकारी हुई है। वकास अपने साथ श्रीमद्भगवत गीता, चरक संहिता समेत ज्योतिष की किताबें ले गया है। उसे जीडी में दर्ज किया गया।

ट्रेंडिंग वीडियो