ग्रामीणों के दिल में बना रहे जगह
कोरोना वायरस के चलते देश में 21 दिन कस लाॅकडाउन चल रहा है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग घरों के अंदर कैद हैं। जिसका असर आगामी पंचायत चुनाव में भी पड़ रहा है। लेकिन दावेदारों ने लाॅकडाउन की तोड़ खोज निकाली है। वह अकेले ही गांवों में ग्रामीणाों के घर-घर जाकर उन्हें आर्थिक मदद के साथ राशन समाग्री पहुंचा पंचायत में जीत पक्की का आर्शीवाद मांग रहे हैं। अधिकतर दावेदारों के घरों पर गरीबों के लिए भोजन पक रहा है। सुबह से लेकर रात तक सबको परभेट भोजन करा उन्हें घर के अंदर रहने को कह ग्रामीणों के दिल में दावेदार जगह बना रहे हैं।
बाहर से आने वालों की भी खातिरदारी
वर्तमान ग्रामप्रधानों के साथ ही अन्य दावेदार दूसरे शहर से आ रहे लोगों की जमकर खातिरदारी कर रहे हैं। उन्हें स्कूलों में ठहराया जा रहा है। खाने-पीने की व्यवस्था खुद दावेदार उठा रहे हैं। साढ़ गोपालपुर निवासी विजय बताते हैं लाॅकडाउन के चलते ग्रामीण घरों के अंदर हैं। जिसके चलते दावेदार सुबह से लेकर देररात तक हमसब के बीच आते हैं और गृहस्थी का सामान उपलब्ध कराते हैं। जिसके कारण गांव के लोगों की समस्याएं कुछ हद तक कम हुई हैं।
सपा नेत्री भी जुटीं
बिल्हौर से समाजवादी पार्टी की नेत्री रचना सिंह पिछले एक सप्ताह से अपने खुद के पैसे ही करीब पंद्रह सौ से ज्यादा ग्रामीणों के लिए भोजन की व्यवस्था कर उन्हें उपलब्ध करा रही हैं। रचना सिंह ने बताया कि पंचायत चुनाव तो होने हैं पर इस वक्त देश महामारी के सकंट से गुजर है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के आह्वन पर समाजवादी लोग गरीबों की सेवा कर रहे हैं। हर गरीब के भोजन सहित आर्थिक मदद भी हम कर रहे हैं। वहीं साढ़ गोपाल के ग्रामप्रधान ने कहा कि पंचायत चुनाव के बजाए हम महामारी के चलते खुद के पैसे से भूखों को भोजन करा रहे हैं। फिलहाल चुनाव अभी नहीं होने।
अक्टूबर में होने हैं चुनाव
बतादें अक्तूबर में उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव होने हैं। इसबार आरक्षण का फिर से निर्धारण किया जाएगा। इस नए निर्धारण से प्रदेश में पंचायतों के आरक्षण की स्थिति पूरी तरह बदल जाएगी। वर्ष 2015 में हुए पिछले पंचायत चुनाव में जो पंचायत जिस वर्ग के लिए आरक्षित हुई थी, इस बार वह उस वर्ग के लिए आरक्षित नहीं होगी। इसी के चलते गांवों में सबसे ज्यादा नए दावेदार सक्रिय हैं। जबकि वर्तमान प्रधान ग्रामीणों से कुछ हद तक दूरी बनाए हुए हैं। वह सरकारी कोष से आए धन को ही ग्रामीणों पर खर्च कर रहे हैं।
राजनीकि दलों के कार्यकर्ता भी सक्रिय
पंचायत चुनाव की तारीख की जानकारी मिलने के बाद समाजवादी पार्टी, भाजपा, बसपा व कांग्रेस के पदाधिाकारी व कार्यकर्ता होली के पहले सक्रिय हो गए थे। भाजपा के प्रदेश संगठन के महामंत्री सुनील बंसल खुद कानपुर आकर कार्यकर्ताओं के संग बैठककर जीत का मंत्र दे गए थे। जबकि सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम भी गाव-गांव जाकर फीडबैक लेने के अलावा जिलों में संगठन को खड़ा कर रहे थे। सपा ने जिलों की बागडोर भी नए नेताओं की दी थी। खुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं से चुनाव में जुट जाने का फरमान सुनाया था। वहीं बसपा व कांग्रेस के नेता भी पंचायत चुनाव को लेकर जमीन पर एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए थे।
गांव में लाॅकडाउन सफल
कोरोना वायरस महामारी के चलते गांव के लोग अधिकतर घरों के ंअदर हैं। ग्रामीणों को जागरूक खुद ग्रामप्रधानों के अलावा पंचायत चुनाव के दावेदार कर रहे हैं। बिल्हौर निवासी परवीन ने बताया कि हम हमने समाज की महिलाओं को कोरोना महामारी के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इसके लक्षण व बचाव के तरीके बताते हैं। परवीन कहती हैं कि लोगों का सहयोग मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाॅकडाउन के मिशन को ग्रामीण कामयाब बना रहे हैं। परवीन ने बताया कि वह ग्रामप्रधान का चुनाव लड़ेंगी। पर अभी हम सिर्फ कोरोना के खिलाफ चल रही जंग को कामयाब बनाने में जुटी हैं।