13 साल पहले पति की हो गई थी मौत
डेरापुर के मवई गांव निवासी दलित महिला की शादी एक युवक के साथ हुई थी। 2016 में सड़क हादसे में पति की मौत के बाद महिला ससुराल में रहने लगी। दो साल पहले उसकी मुलाकाज गांव के 48 साल के अधेड़ से हुई। दोनों के बीच दोस्ती हुई और फिर प्यार हो गया। अधेड़ की पत्नी की भी मौत बीमारी के कारण हो गई थी और वो घर में अकेले रहता है। महिला और अधेड़ शादी करना चाहते थे। लेकिन महिला का ससुर इसके खिलाफ था। गांव में अच्छा रसूख होने के कारण बहू को घर के अंदर कैद रखा।
दोनों को गांव से बाहर निकाला गया
एक सप्ताह पहले महिला किसी तरह से घर से भागकर अधेड़ के पास पहुं गई। ससुर ने ग्रामीणों के साथ मिलकर दोनों को गांव से बाहर निकाल दिया। बुधवार को अधेड़ महिला को लेकर अपने घर आ गया। इसी से गुस्साए ग्रामीणों ने दोनों को दबोच लिया और पंचायत भवन में ले गए। जहां पंचायत ने पहले युवकों के जरिए दोनों को पिटवाया फिर उनके मुंह में कालिख पोत दी गई। इसके बाद जूतों की माला पहनाकर पूरे गांव में घुमाया गया।
24 घंटे के बाद कार्रवाई
ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने महिला और अधेड़ को कई बार आपत्तिजनक हालत में पकड़ा। इसका समाज में गलत संदेश जा रहा है। इसलिए इन्हें सबक सिखाना जरूरी था। वारदात के जब मीडियो के जरिए पुलिस के पास जानकारी पहुंची तो वो 24 घंटे के बाद गांव पहुंची। पीड़ित महिला और अधेड़ से पूछताछ के बाद एक दर्जन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चार को गिरफ्तार कर लिया है। डेरापुर इंस्पेक्टर के मुताबिक चार को दबोच लिया गया है, वहीं अन्य की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।