उन्होंने कहा कि आज के समय में शिक्षा सबसे महंगी हो गई है। प्राइवेट नौकरी करने वाला इंसान अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ा नहीं सकता है। बच्चों की शिक्षा के साथ घर चलाने की भी उस पर जिम्मेदारी होती है। इस समय देश में आज लॉकडाउन की स्थिति है और लोग घरों से निकल नहीं रहे हैं। लोगों के आमदनी के सभी साधन भी बन्द है लोग घरों में रहकर परेशानियों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में सभी अभिभावकों में फीस को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। उनकी परेशानी को दूर करते हुए जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने आदेश जारी किया है कि कोई भी शिक्षण संस्थान लॉकडाउन की अवधि में फीस नहीं लेगा।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति में उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अध्याय-9 की धारा 23(4) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जनपद कानपुर देहात की समस्त शैक्षणिक संस्थाओं के प्रबंधन को आदेशित किया जाता है कि उनके द्वारा आपदा की अवधि में किसी भी अभिभावक को फीस देने के लिए बाध्य न किया जाये और आपदा की अवधि में भी छात्र-छात्रा को आनलाइन अध्ययन से वंचित न किया जाये। उन्होंने कहा कि इस आदेश का उल्लंघन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम -2005 की धारा-51 के अन्तर्गत दण्डनीय है, जिसमें एक वर्ष की सजा या अर्थदण्ड या दोनो और यदि कोई लोकक्षति होती है तो ये सजा दो वर्ष की भी हो सकती है।