महापौर प्रमिला पांडेय की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय किया गया कि मुख्य चौराहों से 50 मीटर की दूरी पर कोई ठेला या वाहन नहीं खड़े होने दिए जाएंगे। अवैध वाहन स्टैंड, अवैध होर्डिंग्स और यूनीपोल जो यातायात में बाधक हैं, हटाए जाएंगे। जिस विभाग की सड़क और संपत्ति होगी उसी विभाग द्वारा अभियान की पहल की जाएगी। 17 जून से रोस्टर बनाकर संयुक्त टीम यह अभियान चलाएगी।
सड़क पर दुकानों के बाहर या फुटपाथ पर वाहन नहीं खड़े होंगे। इससे भी जाम लगता है। इन्हें नवीन मार्केट, परेड चौराहा और कैनाल पटरी आदि मल्टीपार्किंग में खड़ा कराया जाएं। यदि सड़क पर वाहन खड़े होते हैं तो ट्रैफिक पुलिस व नगर निगम मिलकर सड़क पर खड़े वाहनों को क्रेन से उठाएगी।
जाम के लिए जिम्मेदार सबसे प्रमुख कारण है अतिक्रमण। इसलिए अतिक्रमण हटवाने पर भी जोर दिया गया। निर्णय लिया गया कि संयुक्त विभागीय टीम का गठन होगा जिस पर अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी होगी। दोबारा अतिक्रमण न हो इसका दारोमदार संबंधित थानाध्यक्ष पर होगा। यदि एक बार अभियान चलाने के बाद उस इलाके में दोबारा अतिक्रमण हुआ तो थानेदार को जवाब देना होगा।
भूमिगत लाइनों के लिए होने वाली सड़क की खुदाई से सड़क पर यातायात अवरुद्ध हो जाता है और जाम लगता है, साथ ही जलापूर्ति, पीएनजी और सीएनजी गैस की पाइप लाइनों और सीवर की लाइनों के क्षतिग्रस्त होने से लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। ऐसे में किसी भी सड़क की खुदाई सरकारी व अद्र्धसरकारी विभागों द्वारा आपस में समन्वय स्थापित करने के बाद ही की जाएगी। इसके लिए स्थलवार और दिन वार समयबद्ध कार्यक्रम को नगर निगम के संज्ञान में लाकर ही खुदाई की जा सकती है।