जहर नहीं होने के चलते बची जान
इलाहाबाद से संगम एक्सप्रेस कानपुर के लिए आ रही थी। ट्रेन में कानपुर के गीतानगर निवासी शशंक त्रिपाठी सवार हुए। ट्रेन कानपुर के चल पड़ी, तभी इलाहाबाद के शंकरगढ़ निवासी फेरू सपेरा उसमें चढ़ गया और बोगी के अंदर सांप के दर्शन करा यात्रियों से पैसे मांगने लगा। इसी दौरान उसकी पोटली से कोबरा सांप निकल गया और शशांक को डंस लिया, जिसके चलते अन्य यात्री डर गए और किसी ने ट्रेन को रूकवा दिया और सपेरे की तमकर पिटाई कर दी। यात्रियों ने किसी तरह से सांप को सीट के अंदर से बाहर निकाला और सपेरे ने उसे पोटीली में बंद कर लिया।
पहले ही तोड़ दिए थे जहर के दांत
सपेरो का जीआरपी पकड़ कर थाने ले गई। यहां उसने बताया कि कोबरा के जहरीले दांत पहले ही तोड़ लिए थे, जिसके कारण यात्री को नुकसान नहीं हो सका। सांप के डंस से घायल यात्री शशांक ने बताया कि सपेरा जब बोगी के अंदर आया तो सभी यात्रियों ने उसे बाहर चले जाने को कहा, पर वो नहीं माना। एकाएक उसने अपनी पोटली खोली और अंदर बैठे कोबरा के शरीर में हाथ मारा। कोबरा एकाएक फन तान कर सपेरे को काटने के लिए मुंह मारा, जिससे उसकी पोटली गिर गई और सांप सीधे आकर मुझे डंस लिया। भगवान की शुक्र था कि उसके जहरीले दांत सपेरे ने पहले तोड़ लिए थे। यात्रियों ने सपेरे को जीआरपी के हवाले कर दिया।
किन्नर और सपेरों का आतंक
इलाहाबाद से दिल्ली तक चलने वाली अधिकांश ट्रेनों पर किन्नरों के साथ ही सपेरों का आतंक है। वो इस रूट पर चलने वाली अघिकांश ट्रेनों के अंदर दाखिल हो जाते हैं और जबरन यात्रियों से वसूली करते हैं। यात्रियों की मानें तो यह पूरा खेल रेलवे पुलिस, जीआरपी और रेलव के अधिकारियों की मिलीभगत से बदस्तूर जारी है। कानपुर से दिल्ली जा रहे पियूष्ष गुप्ता बताते हैं कि भिक्षा मांगने वाले की संख्या ट्रेनों में कम हुई है, लेकिन किन्नरों के साथ ही सपेरे यात्रियों को अपना शिकार बना रहे हैं। पियूष बताते हैं कि कुछ दिन पहले मैं कानपुर से दिल्ली जा रहा था। इसी दौरान किन्नर बोगी के अंदर आ गए और जबरन पैसे मांगने लगे। मैंने विरोध किया तो मारपीट पर उतारू हो गए। हम तो चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले बुलेट के बजाए चल रही ट्रेनों में हो रही अराजकता को खत्म करने के लिए कुछ करें।
संरक्षण में फल फूल रहा कारोबार
ट्रेनों में इनदिनों सपेरों, किन्नरों के अलावा भिक्षा मांगने वालों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। यात्रियों की मानें तो इसका संचालन बड़े माफियाओं के जरिए हो रहा है। माफिया रेलवे के अधिकारी, जीआरपी और रेलवे पुलिस को मिला कर यात्रियों से जबरदस्ती पैसे की उगाही कराते हैं। सेंट्रल स्टेशन में अखबार बेचनें वाले बुजुर्ग ने बताया कि जितना भष्टाचार रेलवे के अंदर होता है, उतना थानों व सरकारी कार्यालयों में नहीं होता। पूरा गिरोह दूर-दराज से आए यात्रियों का अपना शिकार बना रहे हैं। वहीं मामले पर जीआरपी प्रभारी राममोहन राय ने बताया कि ट्रेनों में यात्रियों की सुविधाओं के लिए सतर्कता बरती जा रही है। एक सपेरा अवैध तरीके से ट्रेन में सांप लेकर चल रहा था। उस पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया।