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गांव की इन तीन महिलाओं ने पथराव में घायल पुलिस कर्मियों की बचाई जान, बोलीं भाई मानकर की हिफाजत

locationकानपुरPublished: Mar 23, 2021 01:56:50 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

एडीजी ने तीनों महिलाओं के मानवता भरे इस सराहनीय कार्य के लिए उन्हें पुरुस्कृत करने की बात कही।

गांव की इन तीन महिलाओं ने पथराव में घायल पुलिस कर्मियों की बचाई जान, बोलीं भाई मानकर की हिफाजत

गांव की इन तीन महिलाओं ने पथराव में घायल पुलिस कर्मियों की बचाई जान, बोलीं भाई मानकर की हिफाजत

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. जिले के भीखदेव में जिस समय आरोपितों ने पुलिस कर्मियों पर पथराव (Pathrav Upon Police) कर उन्हें घायल कर दिया था। उसी समय गांव की ही तीन महिलाएं उनके लिए फरिश्ता बन गईं। जिन्होंने घायल पुलिस कर्मियों की जान बचाई। यह बात सार्वजनिक होने पर एडीजी (ADG Kanpur) ने तीनों महिलाओं के मानवता भरे इस सराहनीय कार्य के लिए उन्हें पुरुस्कृत करने की बात कही। आपको बता दें कि कानपुर देहात (Kanpur Dehat) के रसूलाबाद थानाक्षेत्र के भीखदेव में रविवार रात दहेज उत्पीडऩ के मामले में कहिंजरी चौकी पुलिस (Kahinjari Police) जांच के लिए गई थी। उस दौरान आरोपितों ने पुलिस टीम पर हमला बोल दिया था। इस बीच महिला पुरुषों ने जमकर ईंट पत्थर बरसा दिए। जिसमें चौकी इंचार्ज गजेंद्र पाल सहित सिपाही समर सिंह घायल हो गए थे। जिन्हें कानपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
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उस दौरान मानवता की मिसाल पेश करने वाली गांव की तीन महिलाओं के बारे में एडीजी भानु भाष्कर ने अहम जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उस समय पुलिस कर्मियों की जान खतरे में पड़ सकती थी, अगर तीन महिलायें उनकी सहायता न करतीं। क्योंकि गजेंद्र पाल व समर घायल अवस्था में बचाव के लिए बाहर की ओर भागे तो कुछ दूर पर जाकर गजेंद्र बेहोश हो गए। उस दौरान गांव की जसरीन, कमर जहां और हसमती उधर से गुजरीं। उन्होंने घायल पुलिस कर्मियों को उठाकर अपने घर ले आई। इसी बीच जसरीन ने खून का रिसाव रोकने के लिए अपने दुपट्टे को चौकी प्रभारी के सिर में बांध दिया। महिलाओं बाहर से और पुलिस फोर्स न आने तक दोनों पुलिस कर्मियों की हिफाजत की।
एडीजी ने बताया कि तीनों महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा और इसके बारे में शासन को सूचना देकर वहां से भी इन्हेंं सम्मानित कराया जाएगा। वहीं जसरीन ने पुलिस को दिए गए बयान में बताया कि जब उन्होंने दारोगा के चेहरे पर पानी की छीटें मारी तो वह कुछ होश में आए। होश में आते ही उन्होंने पानी मांगा। मगर उन्होंने सुन रखा था कि घायल को पानी नहीं देना चाहिए, इसलिए उन्हेंं पानी न देकर चाय पिलाई। जसरीन ने कहा कि उन्होंने घायलों को इसलिए नहीं बचाया कि वह पुलिसकर्मी थे, बल्कि अपना भाई जानकर उन्हें मुसीबत में देखकर मदद की। उनकी मानवता की पुलिस विभाग ने सराहना की।
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