यह भी पढें: पकड़ने गई पुलिस टीम पर आरोपितों ने बोला हमला, पथराव में चौकी इंचार्ज एवं सिपाही सहित महिला घायल, एडीजी पहुंचे उस दौरान मानवता की मिसाल पेश करने वाली गांव की तीन महिलाओं के बारे में एडीजी भानु भाष्कर ने अहम जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उस समय पुलिस कर्मियों की जान खतरे में पड़ सकती थी, अगर तीन महिलायें उनकी सहायता न करतीं। क्योंकि गजेंद्र पाल व समर घायल अवस्था में बचाव के लिए बाहर की ओर भागे तो कुछ दूर पर जाकर गजेंद्र बेहोश हो गए। उस दौरान गांव की जसरीन, कमर जहां और हसमती उधर से गुजरीं। उन्होंने घायल पुलिस कर्मियों को उठाकर अपने घर ले आई। इसी बीच जसरीन ने खून का रिसाव रोकने के लिए अपने दुपट्टे को चौकी प्रभारी के सिर में बांध दिया। महिलाओं बाहर से और पुलिस फोर्स न आने तक दोनों पुलिस कर्मियों की हिफाजत की।
एडीजी ने बताया कि तीनों महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा और इसके बारे में शासन को सूचना देकर वहां से भी इन्हेंं सम्मानित कराया जाएगा। वहीं जसरीन ने पुलिस को दिए गए बयान में बताया कि जब उन्होंने दारोगा के चेहरे पर पानी की छीटें मारी तो वह कुछ होश में आए। होश में आते ही उन्होंने पानी मांगा। मगर उन्होंने सुन रखा था कि घायल को पानी नहीं देना चाहिए, इसलिए उन्हेंं पानी न देकर चाय पिलाई। जसरीन ने कहा कि उन्होंने घायलों को इसलिए नहीं बचाया कि वह पुलिसकर्मी थे, बल्कि अपना भाई जानकर उन्हें मुसीबत में देखकर मदद की। उनकी मानवता की पुलिस विभाग ने सराहना की।