सब कुछ दिया, बदले में कुछ नहीं मिला कानपुर के लोगों से भाजपा ने जो मांगा वह दिया। शंखदान रैली में पीएम ने कहा अबकी बार मोदी सरकार, तो केंद्र व शहर की दोनों सीटों पर कमल की सरकार बनवा दी। 2014 में पीएम बनने के बाद लोगों का आस जगी कि अब शहर का विकास होगा, यहां पर बेहतरीन एयरपोर्ट बनेगा, मेट्रो दौड़ेगी, मुम्बई और दिल्ली की तरह सड़कें होगी और गुजरात का विकास मॉडल मैनचेस्टर पर चालू होगा, लेकिन साल दर साल गुजरते रहे, लेकिन पूरब के मैनचेस्टर को कुछ नहीं मिला। कवि संजीवा कहते हैं कि चालीस की जनता ने पीएम मोदी पर विश्वास किया और यूपी में भाजपा की सरकार बनवा दी। निकाय में मेयर समेत 58 पार्षद जितवा दिए, पर उन्होंने विकास के नाम पर कानपुर के लिए कुछ नहीं किया। कवि ने कविताओं के जरिए पीएम मोदी को जगाते हुए कहा कि लोकतंत्र में झूठ ज्यादा दिन तक टिक नहीं सकता, इसलिए अभी एक साल बचा है और एक मिल ही चालू करवा दें। नहीं तो यह कानपुर है 2019 में आपके सपने में पानी फेर सकता है। कवि ने अपने कानपुर के रहने वाले राष्ट्रपति से कविताओं के जरिए पॉवर दिखाने की बात कही है। कवि कहते हैं कि महामाहिम को इस शहर ने बहुत कुछ दिया, बदले में भी शहरवाले उनसे कुछ पाना चाहते हैं।
पीएम भूल गए, उन्हें वादे याद दिलवाएं महामहिम कवि संजीवा ने अपनी एक कविता, सूना-सूना हर एक घर है, उजड़ा हुआ खामोश शहर है। किसी को किसी का पता नहीं खोया खोया हर एक बशर है, डरे हुए हैं सभी चेहरे शायद कोई बुरी खबर है। खत्म हो गया अपनापन, ये खुदगर्ज़ी का असर है। ये कशमकश कैसी है जाने, सबके हाथों में खंज़र है, पीएम नरेंद्र मोदी के नाम सुनाकर राष्ट्रपति से मांग करते हुए कहा कि पीएम और स्थानीय सांसद मुरली मनोहर जोशी अपने वादों से मुकर गए हैं। उन्हें किए गए वादे महामहिम आप दिलवाएं। संजीवा कहते हैं कि एक समय था, जब कानपुर में कपड़ा मिलों का बोलबाला था और उन्हीं की वजह से इस शहर को भारत का मैनचेस्टर कहा जाता था। लेकिन यहां की कपड़ा मिलों में अब धूल जम रही है और यह नाम भी वक्त की धूल में धुंधला होता जा रहा है। शहर में अब एल्गिन, म्योर, लाल इमली, विक्टोरिया, अर्थटन, कानपुर टेक्सटाइल, जेके कॉटन मिल में ताले जड़े हैं। लेकिन इस शहर के कारोबारियों को गेट पर पड़े ये ताले बर्दाश्त नहीं हो रहे हैं। कनपुरिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से चाहते हैं कि वह आगे आएं और बंद पड़ी मिलों के साथ ही छोटे-छोटे कारीगरों को रोजगार उपलब्ण कराएं।
नहीं तो बिजली ही उपलब्ध करा दें महामहिम जी संजीवा कहते हैं कि कानपुर में होजरी उद्योग की तकरीबन 2,000 छोटी-बड़ी इकाइयां इस वक्त हैं। इनका सालाना कारोबार 500 से 600 करोड़ रुपये है। इस उद्योग से 50,000 से भी ज्यादा लोगों को रोजगार मिलता है। यहां का सबसे बड़ा होजरी ब्रांड जेट निटवेयर है। होजरी के बड़े केंद्र केवल कोलकाता, तिरुपुर और कानपुर हैं। लेकिन कानपुर में होजरी उद्योग होने के बावजूद उत्तर प्रदेश की 75 फीसदी खपत बाहरी माल से पूरी होती है। इसकी वजह बिजली और बुनियादी सुविधाओं का अभाव है क्योंकि बुनाई और रंगाई तथा कटिंग तो कारखानों में हो जाती है, लेकिन सिलाई कारीगर अपने घरों में ही करते हैं, जहां अक्सर बिजली नदारद रहती है। कवि राष्ट्रपति रा? नाथ ?? कोविंद से मांग करते हुए कहते हैं कि अगर यहां बिजली पहुंचा दी जाए तो बंद होजरी को पंख लग जाएंगे और कुछ हद तक कनपुरियों के जख्म में मलहम लग जाएगा। कवि संजीवा ने बताया कि राष्ट्रपति के निवास स्थान कल्याणपुर में कायाकल्प हो गया है। सीएम योगी उनके इलाके में खूब विकास कराया, लेकिन अन्य पर नजर नहीं लगाई। कवि ने कहा कि जल्द ही वह एक एल्बम लांच कर पीएम मोदी की पोल खोलनें जा रहे हैं और इसी के जरिए राष्ट्रपति कानपुर के विकास की मांग करेंगे।