सनकी की दरिंदगी एक इंसान की दरिंदगी का यह मामला कानपुर देहात के बरौर थाना क्षेत्र के मकरन्दापुर गांव का है। जहां रहने वाला शख्स सन्तोष सनकी तानाशाह हिटलर की राह पर चल रहा है। संतोष ने गांव में खौफ और दहशत की ऐसी इबारत लिखी है, जिसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। संतोष के इसी खौफ के चलते उसकी सगी बेटी शशी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दरअसल जालिम संतोष बिना किसी वजह के अपनी बीवी-बच्चों को बड़ी बेरहमी से मारता पीटता है। दो दिन पहले भी जालिम संतोष हाथ में कुल्हाड़ी लेकर अपने बेटे और अपनी पत्नी को मारने दौड़ा था। बेटी शशि भी जालिम संतोष की क्रूरता का शिकार थी। वो इतना डर और सहम गयी थी कि संतोष की दहशत के चलते शशी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
पड़ोसी की पत्नी को रखा अपने साथ जालिम संतोष की दहशत का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि पड़ोस के घर में रह रहे सिपाही लाल की पत्नी को लेकर वह सरेआम घूमता है, लेकिन सिपाही लाल और उसके रिश्तेदारों की हिम्मत नहीं जो सनकी संतोष का विरोध कर सकें। एक मजबोर और बेबस पति सिर्फ तमाशाई बना जहर का घूंट पीटा रहता है। लेकिन वो कुछ नहीं कर सकता है। ऐसा नहीं है की सिपाही लाल ने शिकायत नहीं की। सिपाहीलाल ने लगभग एक दर्जन प्रार्थना पत्र थाने में दिए लेकिन नतीजा सिवाए मायूसी के कुुुछ नही निकला। शिकायत कीभनक लगते ही जालिम संतोष ने सिपाही लाल को मारने की कोशिश भी की लेकिन जैसे तैसे सिपाही लाल ने अपनी जान बचायी। वही सिपाही लाल की माने तो उनकी जान को खतरा है और सनकी संतोष उसकी जान ले सकता है।
कुल्हाड़ी लेकर घूमता है सनकी लड़की की मौत के बाद जब ग्रामीणों से मीडिया ने बात की तो बड़ी हिम्मत जुटाकर ग्रामीणों ने बताया कि गांव में सनकी संतोष कुल्हाड़ी लेकर घूमता है। गाँव का कोई भी शख्स उससे भिड़ने की हिम्मत नहीं कर सकता हैै। उसकी बेटी की मौत के बाद शव के पंचनामा के लिये 5 लोगों के हस्ताक्षर पुलिस को चाहिए थे लेकिन गांव का एक भी शख्स हस्ताक्षर के लिए आगे नहीं आया। इसकी वजह थी तो सिर्फ सनकी तानशाह संतोष की दहशत। हालांकि संतोष को पुलिस ने मशक्कत कर गिरफ्तार तो कर लिया लेकिन ग्रामीणों के जेहन से उस सनकी की दहशत अभी भी कम नहीं हुयी है।
पुलिस की गिरफ्त में सनकी वही जिले में पुलिस विभाग के मुखिया भी मान रहे है कि संतोष बहुत क्रूर है और उसे जरा-जरा बात पर गुस्सा आ जाता है। जिससे वह हैवानों की तरह मारपीट करता है। संतोष कई बार घरवालों की बड़ी बेरहमी से पिटाई कर चुका था और इसी प्रताड़ना से क्षुब्ध होकर संतोष की बेटी शशी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बहरहाल सनकी संतोष अब पुलिस की गिरफ्त में है और शायद कुछ साल जेल में रहने पर मकरंदापुर गांव में रहने वाले लोगों के दिलों से जालिम संतोष की दहशत खत्म हो जाए।