कानपुर

कनपुरिया शातिरों ने २२०० से ज्यादा अंग्रेजों को जाल में फंसाकर करोड़ों वसूले

वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकाल से अंग्रेज बनकर इंग्लैंड के लोगों से करते बातपहले उनका सिस्टम हैक करते फिर मेंटीनेंस के नाम पर सैकड़ों पौंड वसूलते थे

कानपुरJul 18, 2019 / 11:02 am

आलोक पाण्डेय

कनपुरिया शातिरों ने २२०० से ज्यादा अंग्रेजों को जाल में फंसाकर करोड़ों वसूले

कानपुर। शहर के कुछ शातिरों ने कानपुर में बैठकर इंग्लैंड के २२०० से ज्यादा लोगों से करोड़ों की ठगी कर डाली। मामले का खुलासा होते ही ये शातिर फरार हो गए। इन शातिरों ने बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग कंपनी (बीपीओ) के जरिए अंग्रेज बनकर इंग्लैंड के लोगों को अपने जाल में फंसाया और फिर बातों-बातों में पहले खुद उनका सिस्टम हैक किया और फिर उनसे सैकड़ों पौंड वसूले। इस खेल के लिए इन लोगों ने वॉयल ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी) का सहारा लिया।
इंग्लैंड का डाटा खरीदकर दिया झांसा
इन शातिरों ने अपना जाल फैलाने के लिए पहले मोबाइल कंपनी से इंग्लैंड के लोगों का डाटा खरीदा और फिर ई-मेल और फोन के जरिए वॉयस कॉल करते थे। इस दौरान ये शातिर इंग्लैंड के ही नंबरों का इस्तेमाल करते थे, ये नंबर भी उन्होंने टेलीकॉम कंपनियों से खरीदे थे। कॉल के दौरान इंग्लैंड के लोगों को फोन पर इंग्लैंड का ही नंबर दिखता था। फिर अंग्रेजों की तरह ही बातचीत कर उन्हें फंसा लेते थे।
सिस्टम हैक होने का देते थे झांसा
ये लोग मोबाइल डाटा के जरिए इंग्लैंड के लोगों की उम्र और पेशे का पता लगाते थे। फिर आईपी काल कर बोलते थे कि नामी आईटी कंपनी से बोल रहे हैं। आपका सिस्टम हैक हो चुका है। बातों-बातों में ही ये लोग उसके सिस्टम पर रन कमांड भी चला देते हैं। इस कमांड के आखिर में एक लाइन आती है कि आपका सिस्टम हैक हो जाएगा। यह देख इंग्लैंड में बैठे लोग परेशान हो जाते थे।

मेंटीनेंस के नाम पर वसूलते थे रकम
अंग्रेजों को जब लगता था कि उनका सिस्टटम हैक हो जाएगा तो ये लोग सिस्टम मेंटीनेंस और फाइलें अनलॉक करने के नाम पर सैकड़ों पौंड वसूलते थे। इंग्लैंड में बैठे उन लोगों को ठगी का अंदाजा भी नहीं होता था और वे आसानी से रकम ट्रांसफर कर देते थे। जब इसका खुलासा इंटरनेशनल एंटी हैकर ग्रुप ने किया तो ये शातिर वेबसाइट व आफिस बंद कर भाग गए।
विडोज कंप्यूटर आसानी से बनते निशाना
बताया जाता है कि विंडोज कम्प्यूटर हैकरों का आसान निशाना बन जाते हैं। आईटी एक्सपर्ट रवि कुमार बताते हैं कि इंटरनेट के जरिए कोई भी आपके कंप्यूटर की सारी गतिविधियां जान सकता है। इसमें लॉग होते हैं और इससे यह पता चल जाता है कि दिन भर में आपने कंप्यूटर पर क्या-क्या किया। क्योंकि इसका पूरा रिकार्ड बैकअप में सेव होता है और रन कमांड से इसका पता लग सकता है।

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