मृतकों के शव उठाने का किया विरोध जहरीली शराब पीने के बाद जब लोग बेहोश होने लगे तो ग्रामीणों ने उग्र होकर मुआवजे की मांग करते हुए शवों को उठाने का विरोध शुरू कर दिया। वहीं मौके पर मौजूद जिलाधिकारी राकेश कुमार व एसपी रतनकांत पांडेय ने मौत के गुनाहगारों पर कड़ी कार्रवाई कर उन्हें जेल भेजने का आश्वासन देकर लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया।
इसके बाद गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, इस बड़ी घटना की जानकारी होते ही सांसद देवेंद्र सिंह भोले सहित कई विधायक व बीजेपी कार्यकर्ता मृतकों के घर पहुंचे और परिजनों को धैर्य बंधाते हुए मुआवजे की बात को सरकार तक पहुंचाने की बात जोरदारी से कही। जिसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ।
गुस्साए परिजन पुलिस से मारपीट पर अमादा एक तरफ कानपुर नगर में जहरीली शराब के सेवन से 6 लोगों की मौत फिर कानपुर देहात में मौतों का सिलसिला शुरू हुआ तो आनन फानन में कानपुर देहात के आला अफसर घटनास्थल पहुंच गए। उधर नगर पुलिस की छापेमारी में किसी सफेदपोश नेता के सम्मिलित होने की बात सामने आने की बात जब मड़ौली के ग्रामीणों को लगी तो ग्रामीण उत्तेजित हो उठे थे और मड़ौली देशी शराब ठेके के बाहर पहुंचकर हो हल्ला काटना शुरू कर दिया। पुलिस ने जब समझाने की कोशिश की तो आक्रोशित परिजन पुलिस से मारपीट पर आमादा हो गयी। जैसे तैसे समझाकर शांत कराया गया। फिलहाल गांव में तनाव पूर्ण माहौल बना हुआ है।
वहीं आबकारी अधिकारी हेमन्त चौधरी से जब इस घटना को लेकर बात की गयी तो उन्होंने बताया कि इन सब का जिम्मेदार जो भी होगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि बिना इन अधिकारियों के कैसे इस जहरीली शराब को देशी शराब ठेके पर बेचा जा रहा है और हादसों के बाद ही प्रशासन क्यों जगता है।