script

बीमार मां के चलते फरीदाबाद से साइकिल के जरिए गोरखपुर के लिए कलुआ रवाना

locationकानपुरPublished: Apr 01, 2020 04:08:16 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

किसी की मां बीमार तो किसी के पास मकान मालिक का किराया देने के लिए पैसे नहीं होने पर साइकिल के जरिए अपने-अपने घरों के लिए चलना पड़ा।

बीमार मां के चलते फरीदाबाद से साइकिल के जरिए गोरखपुर के लिए कलुआ रवाना

,

कानपुर। कोरोना वायरस को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाॅकडाउन का ऐलान किया था। जिसके चलते देशभर की अधिकतर फैक्ट्रियों में ताले पड़ गए। मजदूरों के हाथों से रोजगार छिन जाने से वह पैदल ही अपने-अपने घरों की तरफ चल पड़े। ऐसा ही एक जत्था फरीदाबाद से साइकिल के जरिए कानपुर पहुंचा। समाज सेवियों ने उन्हें रोककर खाना खिलाया तो आंखों से आंसू छलक पड़े और उन्होंने अपना दर्द बयां किया। कअुला ने बताया कि अभी पिछले कई दिनों से रोटी नहीं नसीब नहीं हुई। अभी मंजिल बहुत दूर है और हरहाल में गुरूवार तक गोरखपुर पहुंचना हैं। वहां अम्मा जी बीमार हैं।

फैक्ट्री में करते थे काम
मूलरूप से गोरखपुर निवासी कलुआ ने बताया कि वह अपने अन्य साथियों के साथ फरीदाबाद स्थित एक फैक्ट्री में मजदूरी करता था। जनता कफ्र्यू के बाद फैक्ट्रीं बंद हो गई। सभी मजदूरों को आने से रोक दिया गया। जिसके पास जो पैसा था उसी के जरिए तीन दिनों तक भोजन पकाया। तभी हमारे घर से मां के बीमार होने की जानकारी मिली तो हमनें गोरखपुर जाने का प्रण कर लिया। अपने साथी मजदूर रामभजन, विशम्भर सूरज, सुनील और अन्य चार के साथ साइकिल के जरिए गोरखपुर के लिए निकल पड़े। रास्ते में एक जगह हमें भोजन मिला।

चकेरी में लोगों ने खिलाया भोजन
मजदूरों को चकेरी हाइवे पर समाजिक संस्था ने भोजन कराया तो उनका दर्द छलक पड़ा। सभी ने खाना न मिलने और मकान मालिक द्वारा एडवांस किराया मांगने की बात कही। कलुआ ने बताया कि दिल्ली, एनसीआर में मजदूरों के हालात बहुत खराब हैं। परिवार के साथ रहने वाले मजदूरों को मालिक घर छोड़ देने को कह चुके हैं। ऐसे दर्जनों मजदूर परिवार समेत फरीदाबाद से अपने-अपने शहर व गांवों के लिए निकल गए हैं। ,अन्य मजदूरों ने बताया कि यूपी के मुबाबले दिल्ली के अदंर काम करने वाले मजदूरों की हालत ज्यादा खबरा है।

सभी गोरखपुर के लिए रवाना
कानपुर से भी मजदूर गोरखपुर के लिए साइकिल से रवाना हो गए। स्थानीय लोगों ने मजदूरों की आर्थिक मदद की। कुछ लोगों ने उन्हें कानपुर में रूकने को कहा पर मजदूर नहीं मानें। साइकिल से कानपुर पहुंचे मजदूरों के पैरों में छाले थे। कुछ के पैरों में चोट भी लगी थीं। जिनकी मलहम पट्टी भी स्थानीय लोगों ने की।

 

ट्रेंडिंग वीडियो