scriptहुजूर चुनाव अधिकारियों ने मेहनत पर फेरा पानी, ईवीएम से गायब कर दी मेरी बैलगाड़ी | Petition filed for EVM fault in Kanpur UP Hindi News | Patrika News

हुजूर चुनाव अधिकारियों ने मेहनत पर फेरा पानी, ईवीएम से गायब कर दी मेरी बैलगाड़ी

locationकानपुरPublished: Dec 07, 2017 11:48:33 am

पीड़ित का आरोप है कि अगर ईवीएम में निशान होता तो मैं चुनाव जीत जाता…

Petition filed for EVM fault in Kanpur UP Hindi News

हुजूर चुनाव अधिकारियों ने फेरा पानी, ईवीएम से गायब कर दी मेरी बैलगाड़ी

कानपुर. हुजूर मैने बकाएदा नमांकन किया और अपने वार्ड का पार्षद बनने के लिए एक माह तक जमकर पसीना बहाना। दिनरात जगकर प्रचार किया, इसके चलते मेरे पैरों में बड़े-बड़े जख्म हो गए। जनता ने मुझे अपना मत देकर चुनाव जिताने का वादा किया। निर्दलीय के तौर पर मुझे चुनाव चिन्ह बैलगाड़ी आवंटित की गई, लेकिन आयोग के अफसरों के चलते मेरे अरमानों पर पानी फिर गया। मतदान के दिन ईवीएम में मेरा चुनाव निशान प्रदर्शित नहीं किया गया। मतदाताओं ने इसके चलते किसी अन्य को वोट देकर अपना जनप्रतिनिधि चुन लिया। ये बात नौबस्ता पूर्वी वार्ड 63 से पार्षद पद प्रत्याशी अजीत कुमार गुप्ता ने जिला न्यायाधीश शशिकांत शुक्ल के न्यायालय में दाखिल याचिका के दौरान कही। न्यायालय ने पीड़ित की बात सुनने के बाद अगली सुनवाई के लिए 12 दिसंबर की तारीख तय की है।

ईवीएम में गायब था चुनाव निशान

यशोदा नगर निवासी अजीत कुमार गुप्ता ने नौबस्ता पूर्वी वार्ड 63 से पार्षद पद के लिए नामांकन कराया था। उन्हें बैलगाड़ी चुनाव चिह्न मिला। इसी का उन्होंने क्षेत्र में प्रचार भी किया। दाखिल याचिका में अपील की, क्षेत्र की अधिकांश जनता ग्रामीण व अशिक्षित वर्ग से है। ईवीएम में चुनाव चिह्न प्रदर्शित न होने से मतदाता भ्रमित हो गए। जब उन्हें इस बात की जानकारी हुई तो पीठासीन अधिकारी को सूचना दी जिस पर पीठासीन अधिकारी ने पेन से नाम के आगे बैलगाड़ी लिख दिया। चिन्ह फिर भी अंकित नहीं किया गया। दूसरे मतदाता बूथों पर भी यही स्थिति थी। इसके चलते उन्हें 1652 वोट मिले और वह 365 वोट से हार गए। अजीत कुमार गुप्ता ने बताया कि मैने जिला निर्वाचन अधिकारी और उपजिला निर्वाचन अधिकारी को ईवीएम में चुनाव निशान नहीं दिखने की बात कही, लेकिन उन्होंने सुनवाई नहीं की। पीड़ित का आरोप है कि अगर ईवीएम में निशान होता तो मैं चुनाव जीत जाता।

दोबारा चुनाव कराए जाने की मांग

अधिवक्ता शरद त्रिपाठी ने बताया कि उप्र नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 62 और भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 य छ (वी) के तहत याचिका दाखिल की गई है। इसमें मुख्य चुनाव आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग उप्र, रिटर्निग अधिकारी, जिलाधिकारी और विजयी प्रत्याशी दुर्गा प्रसाद गुप्ता को पक्षकार बनाया गया है। न्यायालय से वार्ड 63 का चुनाव परिणाम शून्य घोषित कर दोबारा निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग की गई है। अधिवक्ता ने बताया कि न्यायाधीश ने हमारी दलील को सुना और इसकी अगली सुनवाई 12 दिसंबर को तय की है। अधिवक्ता के मुताबिक हमें उम्मीद है कि न्यायालय हमारे पक्ष में निर्णय सुनाएगा और इस वार्ड में फिर से मतदान होगा।

ईवीएम में खोजते रहे बैलगाड़ी

पीड़ित ने बताया कि मतदान के दिन मतदाता वोट देने के लिए बूथ गए और मेरा चुनाव निशान बैलगाड़ी देखते रहे, पर जब उन्हें बैलगाड़ी नहीं दिखाई दी तो मजबूरी में उन्होंने दूसरे को वोट दे दिया। इसी के चलते मेरी हार हो गई। पीड़ित का आरोप है कि चुनाव के अफसर नू हमारे साथ खेल किया है और तय जीत को रोकने के लिए ईवीएम से बैलगाड़ी गायब कर दी। पीड़ित ने बताया कि मतदान के दिन मैने हर एक अफसर से शिकायत की और मतदान रोकने की फरियाद लगाई, लेकिन उन्होंने मेरी नहीं सेनी। इसी के बाद मैने मतगणना के बाद कोर्ट जाने का प्रण किया। पीड़ित ने कहा कि ि कइस वार्ड का चुनाव परिणाम रद्द करा फिर से मतदान कराए जाने की मांग कोर्ट से की हे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो