सीएसए में देश के कई विश्वविद्यालयों से वैज्ञानिक प्रशिक्षण देंगे। सीएसए के संयुक्त निदेशक शोध डॉ. डीपी सिंह का कहना है कि राष्ट्रीय कृषि विकास परियोजना के तहत इन्टरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट का प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। विवि की ओर से स्नातक स्तर से छात्रों को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। छात्रों को तकनीकी मदद, आर्थिक मदद और खेती के लिए जरूरी जमीन उपलब्ध करवाने में सम्बंधित विवि मदद करेंगे। यहां छात्रों को सब्जी फसलों की संरक्षित खेती यानी प्रोटक्टिव कृषि के बारे में बताया जाएगा। प्रशिक्षण में पंतनगर कृषि विवि, जोधपुर कृषि विवि,जालंधर कृषि विवि, हिसार कृषि विवि के पीएचडी छात्र आ रहे हैं। सीएसए के एमएससी और पीएचडी छात्र भी शामिल होंगे।
प्रशिक्षण में पद्मश्री प्रोफेसर ब्रह्म सिंह शामिल हैं सब्जी फसलों की संरक्षित खेती के क्षेत्र में देश में योगदान किया है। संरक्षित खेती का दायरा बढ़ाना उद्देश्य है क्योंकि इससे किसानों की आय आसानी से दो गुना हो सकती है। फसलों के बीज उत्पादन व पॉलीहाउस के जरिए प्रोटेक्टिव कल्टीवेशन के क्षेत्र में उतरने को तैयार किया जा रहा। सब्जी अनुसंधान संस्थान के वाराणसी वैज्ञानिक, शेर-ए-कश्मीर कृषि विवि के वैज्ञानिक डॉ. एजाज अहमद, इंडो इजराइल उत्कृष्टता केन्द्र करनाल के परियोजना अधिकारी डॉ. राम स्वरूप पुनिया, प्याज लहसुन अनुसंधान संस्थान पुणे के निदेशक डॉ. मेजर सिंह छात्रों को प्रशिक्षित करेंगे।
कृषि विवि के छात्रों के खेती किसानी में आने से बीज की गुणवत्ता सुधरेगी। अभी तक सीएसए किसानों से बीजों का उत्पादन करा रहा है वह खुद अपने छात्रों से बीजों का उत्पादन कराएगा। जिससे क्वालिटी कंट्रोल होगा।