क्या है पूरा मामला
जालौन निवासी एक छात्रा का कुछ दिन पहले तीन युवकों ने घर में घुसकर जबरन गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था। पीड़िता कि शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को पकड़ कर जेल भेज दिया। गैंगरेप से पीड़िता बुरी तरह से जख्मी हो गई थी। जिसका इलाज झांसी में हुआ। ठीक होने के बाद छात्रा के पिता ने अपने छोटे भाई तत्त्या टोपनगर में बेटी को रख दिया। शुक्रवार को पिता बेटी को लेने के लिए अए तो उसने जाने सं इंकार कर दिया। दबाव बनाया तो छात्रा घर से निकल गई और पांडुनदी नदी पुल से छलांग लगा दी। सूचना पर छह गोताखोरों के साथ पहुंची पुलिस और पीएसी के जवानों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। करीब 36 घंटे के बाद पीएसी के जवान छात्रा का शव नदी से निकाल पाए।
10 दिन पहले हुआ था गैंगरेप
जालौन के कठौंद थाना क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति की 16 वर्षीय बेटी इंटर की छात्रा थी। 9 अगस्त को छात्रा घर पर अकेली थी। छात्रा के पिता पत्नी का इलाज कराने कानपुर आए थे। उसी रात 10 बजे दीवार फांदकर पड़ोसी नीरज उर्फ राम नरेश और गोपाल यादव घर में घुस गए। इसके बाद दोनों ने छात्रा से बारी-बारी रेप किया। छात्रा के शोर मचाने पर पहुंचे पड़ोसियों ने उसके परिजनों और पुलिस को सूचना दी। तबतक आरोपी भाग निकले। पुलिस ने छात्रा को सीएचसी में भर्ती कराया था, जहां से झांसी जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। गैंगरेप की प्रताड़ना के चलते छात्रा बीमार पड़ गई तो पिता उसे लेकर कानपुर आ गए। वो अपने चाचा के घर में रहती थी। मृतक के पिता ने बताया कि गांववाले बेटी को देख कर अश्लील कमेंट करते थे। इसी के कारण उसने गांव जाने से साफ इंकार कर दिया।
डेढ़ दिन चला ऑपरेशन
छात्रा के शव को पांडुनदी से बाहर निकालने के लिए पुलिस, पीएसी और एक दर्जन गोताखोरों ने आपरेशन शुरू किया। पानी का बहाव इतना तेज था कि पुलिस लाइन से पहुंचे तीन गोताखोरों को नदी में उतरने से पहले कमर में रस्सी बांधनी पड़ी। काफी दूर तक तलाश की लेकिन किशोरी को नहीं ढूंढ पाए। शनिवार को पुलिस ने कोहना और नवाबगंज से छह और गोताखोर बुलाए, फिर भी सफलता नहीं मिली। फिर पुलिस ने पीएसी को बुलाया। पीएसी के गोताखोर नदी में उतर लगाकर तलाश शुरू की।घटनास्थल से करीब आधा किमी दूर पुलिया के पास उसका शव गोताखोरों ने बरामद कर लिया। नदी से शव बाहर आते ही परिवार के लोगों में कोहराम मच गय। इंस्पेक्टर बर्रा रवि श्रीवास्तव ने बताया कि नदी में डूबी किशोरी की तलाश में 15 गोताखोर लगाए गए थे। दुष्कर्म की घटना से आहत होकर किशोरी के यह कदम उठाने की बात पता चली है।