196.57 करोड़ रुपए बरामदगी के बाद चर्चा में आए इत्र व्यापारी पीयूष जैन ने अपनी बीमारी का हवाला देते हुए एसीएमएम द्वितीय की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें उसने मांग की थी कि वह बरामद रुपए पर टेक्स्ट और पार्टी देने को तैयार है। उसे राहत प्रदान की जाए। एसीएमएम द्वितीयक क कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना। इस संबंध में विशेष लोक अभियोजक अंबरीश टंडन ने बताया कि बीते 2 मार्च 2022 को पीयूष जैन की तरफ से न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया था। जिसमें मामले की जानकारी देते हुए बताया गया था कि 196.57 करोड़ रुपए डीजीजीआई की टीम ने उनके कार्यालय और फर्म से बरामद किया था।
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जीएसटी व पेनल्टी देने को तैयार
पीयूष जैन ने बताया कि डीजीजीआई ने जीएसटी भुगतान किए बिना माल की पूर्ति के संबंध में मामला तय किया था। वह डीजीजीआई द्वारा निश्चित की गई जीएसटी की रकम को जमा करने के लिए तैयार है। वह 35.38 करोड रुपए जमा करने को तैयार है। इस समय वह बीमारी से ग्रसित है। उसे राहत प्रदान की जाए। लेकिन एसीएमएम द्वितीय की अदालत ने किसी प्रकार की राहत देने से इंकार कर दिया। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पीयूष जैन को राहत लेने के लिए डीजीजीआई के बाद आवेदन करना चाहिए।