scriptबीमारी से ग्रसित पीयूष जैन को अदालत से बड़ा झटका, अर्जी हुई खारिज | Piyush Jain incident, no relief from court, application rejected | Patrika News

बीमारी से ग्रसित पीयूष जैन को अदालत से बड़ा झटका, अर्जी हुई खारिज

locationकानपुरPublished: Apr 16, 2022 09:48:34 am

Submitted by:

Narendra Awasthi

इत्र कारोबारी पीयूष जैन अपनी बीमारी का हवाला देते हुए अदालत में अर्जी दाखिल किया था। जिसमें उसने कहा था कि वह डीजीजीआई द्वारा निर्धारित जीएसटी की रकम और पेनाल्टी भुगतान करने को तैयार है। लेकिन अदालत ने अर्जी खारिज करते हुए कहा कि वह डीजीजीआई से इस मामले में फरियाद लगाए।

बीमारी से ग्रसित पीयूष जैन को अदालत से बड़ा झटका, अर्जी हुई खारिज

बीमारी से ग्रसित पीयूष जैन को अदालत से बड़ा झटका, अर्जी हुई खारिज

इत्र कारोबारी पीयूष जैन डबल विजन, ग्लूकोमा, उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों से पीड़ित है। अपनी बीमारियों का हवाला देते हुए उसने अदालत में फरियाद लगाई थी कि उसे बरामद की गई रकम पर टेक्स्ट और पेनाल्टी लेकर राहत प्रदान की जाए। लेकिन कोर्ट से उस को बड़ा झटका लगा। जब अदालत ने उसकी अर्जी खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि पीयूष जैन डीजीजीआई के समक्ष अपना आवेदन प्रस्तुत कर राहत की मांग कर सकता है। राहत देने पर निर्णय डीजीजीआई कर सकता है। यहां पर उसके आवेदन को स्वीकार करने का कोई कारण नहीं है। सुनवाई की अगली तारीख 25 अप्रैल दी गई है।

196.57 करोड़ रुपए बरामदगी के बाद चर्चा में आए इत्र व्यापारी पीयूष जैन ने अपनी बीमारी का हवाला देते हुए एसीएमएम द्वितीय की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें उसने मांग की थी कि वह बरामद रुपए पर टेक्स्ट और पार्टी देने को तैयार है। उसे राहत प्रदान की जाए। एसीएमएम द्वितीयक क कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना। इस संबंध में विशेष लोक अभियोजक अंबरीश टंडन ने बताया कि बीते 2 मार्च 2022 को पीयूष जैन की तरफ से न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया था। जिसमें मामले की जानकारी देते हुए बताया गया था कि 196.57 करोड़ रुपए डीजीजीआई की टीम ने उनके कार्यालय और फर्म से बरामद किया था।

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जीएसटी व पेनल्टी देने को तैयार

पीयूष जैन ने बताया कि डीजीजीआई ने जीएसटी भुगतान किए बिना माल की पूर्ति के संबंध में मामला तय किया था। वह डीजीजीआई द्वारा निश्चित की गई जीएसटी की रकम को जमा करने के लिए तैयार है। वह 35.38 करोड रुपए जमा करने को तैयार है। इस समय वह बीमारी से ग्रसित है। उसे राहत प्रदान की जाए। लेकिन एसीएमएम द्वितीय की अदालत ने किसी प्रकार की राहत देने से इंकार कर दिया। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पीयूष जैन को राहत लेने के लिए डीजीजीआई के बाद आवेदन करना चाहिए।

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