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एनजीटी मॉनीटरिंग कमेटी ने पकड़ा जलनिगम का झूठ

locationकानपुरPublished: Sep 18, 2019 12:46:55 pm

एनजीटी मॉनीटरिंग कमेटी के निरीक्षण में खुली पोल गलत रिपोर्ट दिए जाने पर जलनिगम से जताई नाराजगी

NGT in kanpur

एनजीटी मॉनीटरिंग कमेटी ने पकड़ा जलनिगम का झूठ

कानपुर। सरकार के गंगा सफाई के प्रयासों पर जलनिगम पानी फेर रहा है। जाजमऊ में सीवरेज का पानी सीधे गंगा में गिराया जा रहा है। यह खुलासा तब हुआ जब एनजीटी मॉनीटरिंग कमेटी के चेयरमैन अरुण टंडन औचक जाजमऊ सीवेरज प्लांट पहुंचे। उन्होंने जो देखा तो दंग रह गए। जाजमऊ के एसटीपी बंद मिले और सीवरेज का पानी गंगा में जा रहा था। सीईटीपी में टेनरी का वेस्ट 14 एमएलडी मिला जबकि सिर्फ 9 एमएलडी होना चाहिए। इस दौरान लोगों ने शिकायत की तो उन्होंने मौके का निरीक्षण किया।
जलनिगम को लगाई फटकार
कमेटी के चेयरमैन ने निरीक्षण में पाया कि सीवरेज डिस्चार्ज खेतों में फेंका जा रहा है। अधिकारियों को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने साफ कर दिया कि काम को सिस्टम से किया जाए अन्यथा जिम्मेदारों को दिक्कत होगी।चेयरमैन ने प्लांट के हर कोने को बारीकी से देखा और उसे मानक के अनुरूप नहीं पाया , इसलिए उन्होंने बुधवार को फिर से समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन से जिस तरह की रिपोर्ट मांगी गई थी, वह साफ नहीं है।
प्लांट बंद होने पर जताई नाराजगी
43 एमएलडी समेत सभी एसटीपी प्लांट के बंद होने पर काफी नाराज हुए। बोले, यह तो हद हो गई है। प्लांट बंद है और बताया भी ठीक नहीं जा रहा है। सीवर लाइन की सफाई के बहाने प्लांट बंद है तो साफ है कि सीवरेज का सारा पानी यानी 150 एमएलडी गंगा में सीधे जा रहा है। चेयरमैन ने सीवर लाइनों की सफाई पर सवाल किए तो बताया गया कि तीन महीने में काम को पूरा होने में लगेगा।
जिम्मेदारों की गर्दन पर लटकी तलवार
एनजीटी मॉनीटरिंग कमेटी के निरीक्षण में साफ-साफ जलनिगम की लापरवाही सामने आयी है। दूसरी ओर जलनिगम बराबर गलत रिपोर्ट देकर गुमराह करते आए। माना जा रहा है कि इस निरीक्षण के बाद कई जिम्मेदारों पर गाज गिर सकती है।
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