परियोजना के दूसरे चरण के लिए अधिग्रहीत की गई जिन सरकारी और निजी जमीनों को रेलवे के नाम से जारी किया गया है उनके रकबे में काफी अंतर दिखाया गया है। कहीं पर रेलवे के हिस्से में जमीन का रकबा ज्यादा तो कहीं कम दिखा दिया गया है। जिलाधिकारी की ओर से जारी जांच के आदेश में बताया गया है कि नरवल तहसील के साढ़, सरसौल, फुफुआर, करीगबां, महाराजपुर, टिकरिया, हाथीपुर, छतमरा, नगवां और इमलीपुर गांव में जमीन हस्तांतरण में गड़बड़ी हुई है।
किसी गांव में दो तो किसी में चार मामले पकड़े गए हैं। इनमें 17 मामले निजी लोगों से जुड़े हैं। जबकि, दो सरकारी जमीनों का है और एक आम रास्ते का है। एडीएम-एलए प्रमोद कुमार का दावा है कि यह महज लिपिकीय त्रुटि है। लेकिन, जिलाधिकारी ने सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू करा दी है।