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मोदी ने बदला मैदान, अब काशी नहीं कानपुर से चुनावी हुंकार

locationकानपुरPublished: Aug 09, 2018 01:34:56 pm

कानपुर की भाजपा टीम ने प्रस्ताव भेजा था, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वीकार कर लिया है

narendra modi, BJP

मोदी ने बदला मैदान, अब काशी नहीं कानपुर से चुनावी हुंकार

कानपुर. इंकलाब की धरती से नरेंद्र मोदी अपना रिश्ता जोड़ेंगे। मिशन 2019 की कामयाबी के लिए नरेंद्र मोदी ने काशी के बजाय कानपुर को चुनावी आगाज के लिए चुना है। लोकसभा चुनाव में मोदी की हुंकार अब कानपुर से यूपी में गूंजेंगी। इतिहास दोहराने के लिए कानपुर की भाजपा टोली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कानपुर से चुनावी शंखनाद करने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे कबूल कर लिया गया है। अब प्रधानमंत्री मिशन 2019 में यूपी का रण अक्टूबर से शुरू करेंगे। कानपुर, बुंदेलखंड और ब्रज क्षेत्र में रैलियों और शिलान्यास-लोकापर्ण कार्यक्रमों के जरिए मोदी और शाह भाजपा के पक्ष में माहौल तैयार करेंगे। इसके बाद चुनाव की घोषणा होने पर पहली चुनावी रैली भी कानपुर में करेंगे।

शहर भाजपा ने पत्र भेजकर दिया मोदी को न्योता

कानपुर भाजपा (उत्तर) कमेटी के अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी ने बताया कि पार्टी की शहर इकाई ने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री से कानपुर से चुनाव लडऩे का आग्रह किया था। पार्टी ने साथ ही यह भी अनुरोध किया था कि वह अपनी चुनावी रैली की शुरुआत कानपुर से करें। पत्र में कानपुर का इतिहास बताते हुए कहा गया था कि कानपुर से चुनाव अभियान की शुरुआत करने वाला ही केंद्र में सरकार बनाता है। मैथानी ने बताया कि कानपुर से चुनाव लडऩे पर प्रधानमंत्री ने कोई संकेत नहीं दिया है, लेकिन चुनावी अभियान को काशी के बजाय कानपुर से शुरू करने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है।

पहली रैली की कुर्सी को संभालकर रखा है पार्टी ने

सुरेंद्र मैथानी ने बताया कि पिछले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कानपुर में विजय शंखनाद रैली के जरिए ताकत दिखाई थी। गौरतलब है कि वर्ष 2014 की चुनावी रैली में 7 लाख से ज्यादा लोग उन्हें सुनने के लिए पहुंचे थे। नतीजा 80 में 73 सीट के रूप में सामने था। इस मर्तबा नगर इकाई ने इतिहास दोहराने की बात करते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है कि अपनी चुनावी रैली की शुरुआत अवश्य ही कानपुर से करें। जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र मैथानी ने बताया कि रैली के दौरान नरेंद्र मोदी जिस कुर्सी पर बैठे थे, वो कुर्सी आज भी भाजपा कार्यालय में सुरक्षित रखी है। उन्होंने कहाकि जब भी प्रधानमंत्री कानपुर आए तो पार्टी ने उनके लिए उसी कुर्सी को मुहैया कराया है।
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