पीएम मोदी ही गुजरात के महारथी ऐसा ही एक समर्थक अनिल कुमार पोरवाल कानपुर के इंद्रानगर में भी है, जो अपने चाय के स्टॉल के बाहर एक बैनर पर रोजाना मन की बात लिखकर प्रधानमंत्री के विचारों को लोगों तक पहुंचा रहा है। अनिल कहते हैं कि सुबह की शुरूआत मन की बात लिखने के साथ होती है। हर दिन दर्जनों लोग दुकान आते हैं और चाय के साथ निशुल्क देश और महापुरूषों के इतिहास की जानकारी पाते हैं। अनिल ने कहा कि पीएम मोदी गुजरातियों के दिल में राज करते हैं और वे ही वहां के महारथी हैं। मोदी के बल पर 18 दिसंबर को गांधीनगर में कमल खिलेगा।
लोगों तक पहुंचाते हैं मन की बात मूल रूप से कालपी निवासी अनिल करीब 40 साल पहले कानपुर के इंदिरानगर में आकर बस गए थे। यहां उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक के सामने चाय की दुकान खोल रखी है। अनिल बताते हैं कि पंद्रह साल पहले हम सूरत गए थे, तब हमने वहां के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम और काम के बारे में सुना। लोगों ने जब उनके काम करने के तरीके के बारे में बताया तो हम पीएम मोदी के प्रशंसक हो गए। 2013 लोकसभा चुनाव के वक्त जब वे भाजपा से पीएम पद के लिए उम्मीदवार बने और उन्होंने अपने को चाय वालों से जोड़ा तो हम भी उनके साथ खड़े हो गए। अनिल ने बताया कि सूरत, अहमदाबाद, भुज सहित कई शहरों का में जा चुके हैं और चाय की दुकनों, ठेलों और बस्तियों में पीएम मोदी को लोग दिल से पसंद करते हैं। राहुल गांधी और हार्दिक पटेल को गुजरात के लोग देखने तो आ रहे होंगे, पर जब वोट देने की बारी आएगी तो बटन कमल का ही दबाएंगे।
शंखदान रैली में देखने को मिला था मौका अनिल बताते हैं कि गुजरात के सीएम के तौर पर वे शंखदान रैली के लिए कानपुर आए थे। हम चाय की केतली के साथ कल्याणपुर के ग्राउंड पहुंचे और पीएम मोदी को देखा। भीड़ देखकर हमने भाजपा के नगर अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी से कह दिया था कि दिल्ली की कुर्सी पर चायवाला बैठने जा रहा है। अनिल कहते हैं कि प्रधानमंत्री बनने के बाद नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक और जीएसटी जैसे बड़े कदम उठाकर उन्होंने साबित कर दिया है कि देश उनके लिए पहले है। अनिल प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम से बेहद प्रभावित हैं। 8 नवंबर को जब देश में नोटबंदी हुई तो वह प्रधानमंत्री के कायल हो गए। उन्होंने फैसला किया कि वह उनके मन की बात को जन-जन तक पहुंचाएंगे। इसलिए उसने चाय की दुकान के बाहर एक बैनर लगाया और रोजाना उस पर मन की बात लिखने लगे। इसमें वह महापुरुषों के बोधवाक्य व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों को लिखता है, ताकि हर चाय पीने वाला और उधर से गुजरने वाला इसे पढ़े और उससे लाभान्वित हो सके।
26 जनवरी को फ्री में चाय के साथ लड्डू अनिल केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन ही बात को ही आगे नहीं पहुंचा रहे, बल्कि उन्होंने उन पर कई कविताएं भी लिखी हैं। दुकान पर आयोजित कार्यक्रमों में वह इन कविताओं को सुनाते भी हैं। अनिल कहते हैं कि चाय वालों की पहचान गरीब तबके से होती है, लेकिन पीएम मोदी ने साबित कर दिया कि चाय वालों का दिल बहुत बड़ा होता है। अनिल ने बताया कि उनकी दुकान के सामने भारतीय स्टेट बैंक है। 26 जनवरी को बैंक में धूमधाम से ध्वजारोहण होता है। उन्होंने देखा कि बैंक वाले लड्डू आपस में ही बांट लेते हैं जबकि गरीब तबके के रिक्शे वाले व अन्य केवल तमाशबीन बने रहते हैं। यह देखकर दस वर्ष पूर्व उन्होंने फैसला लिया कि वह 26 जनवरी का खुद के खर्च पर गरीबों को लड्डू बांटेंगे। अब वह हर वर्ष गणतंत्र दिवस पर 26 किलो लड्डू बांटते हैं।
पीएम के चित्र की करते हैं पूजा अनिल ने बताया कि 15 अगस्त व 26 जनवरी को महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह की प्रतिमा के अलावा अब वह मोदी जी का भी चित्र लगाकर उनकी पूजा करते हैं। 14 जनवरी को मकर संक्राति के दिन खिचड़ी भोज, गर्मियों में कोल्ड ड्रिंक वितरण और मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद सर्दी में वह कई बार निशुल्क चाय बांटने का काम भी करते हैं। अनिल के पड़ोस में सैलून की दुकान चलाने वाले रिजवान कहते हैं कि इनका और पीएम मोदी का प्रेम गजब का है। यह न केवल मोदी के विचारों का प्रचार कर रहे हैं, बल्कि अपने जीवन में भी उसका पालन करते हैं। पहले हम पीएम की मन की बात को नहीं सुनते थे, लेकिन जब हमने इनकी दुकान में लिखे शब्दों को पढ़ा तो हमें भी लगा कि नहीं, नरेंद्र मोदी देश व समाज के हर तबगे के लोगों के लिए काम कर रहे हैं।