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गंगा मइया के खेवैया बन प्रधानमंत्री पुराना वैभव लौटाने का तैयार कर गए रोडमैप

locationकानपुरPublished: Dec 14, 2019 07:56:13 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

नेशनल गंगा कांउसिल की पहली बैठक में पीएम मोदी पहुंचे कानपुर, स्टीमर के जरिए गंगा का कर रहे निरीक्षण, करीब 50 मिनट तक करेंगे निरीक्षण और मंथन, साथ में सीएम योगी आदित्यनाथ। 

गंगा मइया के खेवैया बन प्रधानमंत्री पुराना वैभव लौटाने का तैयार कर गए रोडमैप

गंगा मइया के खेवैया बन प्रधानमंत्री पुराना वैभव लौटाने का तैयार कर गए रोडमैप

कानपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के अंतर्गत हुए कार्यों की समीक्षा करने के लिए शनिवार को कानपुर पहुंचे। सीएसए में नमामि गंगे योजना के तहत हुए कार्यो के बारे में जानकारी ली तो वहीं आगे की रणनीति पर मंथन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगा भइया को अवरल-निर्मल बनाने के लिए अभी बहुत कुछ करना है। मेरे साथ देश की जनता खेवैया बन भागीरथी को अविरल बनाने के लिए खुद आगे आए और मोक्षदयिनी को स्वच्छ और स्वच्छ रखने में सहयोग करे।

16 करोड़ रूपए दान किए
प्रधानमंत्री ने कहाकि गंगा की सफाई के लिए सरकार ने क्लीन गंगा फंड की स्थापना करने के साथ ही अप्रवासी भारतीयों, औद्योगिक घरानों और देश की जनता से सहयोग करने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि देश का नागरिक होने के नाते वह स्वयं गंगा सफाई फंड में अपने निजी खाते से 16.53 करोड़ रुपए दान देंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह रकम उन्हें वर्ष 2014 से 2019 तक विभिन्न मौकों पर मिले इनाम की नीलामी और सियोल पुरस्कार राशि से प्राप्त हुई है।

2000 करोड़ का बजट तैयार
प्रधानमंत्री ने बताया कि गंगा की सफाई के लिए सरकार ने 2000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट तैयार किया है, जोकि गंगा प्रवाह वाले पांचों राज्यों में खर्च होगा। इस राशि से अभी तक विभिन्न शहरों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने और सीधे गंगा में गिरने वाले नालों को टैप करने में 7700 करोड़ खर्च किये गए हैं। प्रधानमंत्री ने गंगा के किनारों को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने के लिए विकास मॉडल प्रस्तुत किया। उन्होंने जरूरत जताई कि गंगा किनारे फलदार वृक्षों की शृंखला तैयार होनी चाहिए। गंगा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वॉटर स्पोट्र्स को बढ़ावा और कैंप साइट बनाने होंगे।

लेकिन अभी नहीं करना आराम
प्रधानमंत्री ने कहाकि गंगा की स्वच्छता-अविरलता और निर्मलता के लिए काफी समय से प्रयास जारी थे, लेकिन वर्ष 2014 से मजबूत इरादों के साथ नमामि गंगा मिशन पर काम किया गया तो सकारात्मक नतीजे सामने हैं। पीएम मोदी ने अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ-साथ राज्यों के प्रतिनिधियों और प्रशासनिक मशीनरी को आगाह किया कि नतीजे अच्छे हैं, लेकिन अभी आराम करने का वक्त नहीं है। मां गंगा का वैभव लौटाने के लिए अभी भी बहुत कुछ करना शेष है। प्रधानमंत्री ने नमामि गंगे मिशन के दूसरे चरण के लिए कुछ बिंदुओं पर सुझाव देते हुए गंगा के साथ-साथ सहायक नदियों को प्रदूषण मुक्त करने को पहली जरूरत बताया।

सीएम योगी ने गिनाए कार्य
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अब तक क्या-क्या कार्य हुए इसकी जानकारी प्रधानमंत्री को दी। उन्होंने पीएम मोदी को बताया कि कई वर्ष पुराने सीसामऊ नाले को बंद करके सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है। बिठूर से जाजमऊ तक जीर्णक्षीर्ण हो चुके 24 घाटों और तीन शवदाह घाटों का पुनर्निर्माण कराया गया है। गंगा बैराज के पास पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से 17 करोड़ से अटल घाट का निर्माण कराया गया। कानपुर में बीस करोड़ की लागत से 20 एमएलडी के सबसे बड़े सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण होना हैं। घाटों और गंगा नदी की सफाई के लिए विशेष अभियान की शुरुआत की गई है।

मंत्री ने गिनाई उपलब्धियां
कैबिनेट मंत्री प्रकाश जावेडकर ने कहा कि पिछली सरकारों के चलते मां गंगा दर्द से कराह रही थी। दिल्ली की सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा को अविरल-निर्मल बनाने का बीणा उठाया। इसके लिए अगल से मंत्रायल बनाया और खुद निगरानी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमामि गंगे मिशन के तहत हुए अबतक हुए कार्यों के चलते गंगा साफ हुई है। मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ने गंगा की निर्मलता और अविरलता का जायजा लेने के लिए कानपुर इसलिए चुना कि गोमुख से निकलने के बाद गंगा सर्वाधिक कानपुर में प्रदूषित थी। नमामि गंगे परियोजना के तहत यहां गंगा सफाई सबसे ज्यादा काम हुआ है और अब हम कह सकते हैं कि योगी सरकार ने युद्ध स्तर पर गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए उचित कदम उठाए।

इनके साथ स्टीमर सवार
कानपुर में गंगा बैराज स्थित अटल घाट से स्टीमर पर सवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौकायान का आनंद लिया। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत मौजूद रहे। वहीं समीक्षा बैठक में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, ग्राम्य विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन, पर्यावरण एवं वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, पर्यटन एवं सांस्कृतिक राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, ऊर्जा राज्यमंत्री राजकुमार सिंह, आवास एवं शहरी विकास राज्यमंत्री हरदीप पुरी तथा जहाजरानी मंत्री मनसुख मंडवीय आदि लोग मौजूद थे।

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