कानपुर

बजरंगी-बनारसी को लगी रंजिश की गोली, पुलिस के हत्थे लगे शार्प शूटर मदारी

एडीजी अविनाश चंद्रा ने क्राइम ब्रान्च और काकादेव पुलिस को सौंपी थी मदारी को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी, सटीक सूचना पर पुलिस के हत्थे लगा डी-80 गैंग का सरगना

कानपुरOct 01, 2018 / 01:27 pm

Vinod Nigam

बजरंगी-बनारसी को लगी रंजिश की गोली, पुलिस के हत्थे लगे शार्प शूटर मदारी

कानपुर। कुछ दिन पहले बागपत जेल में माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी और बनारस में हुए गैंगवार में कानपुर के पचास हजार के इनामी सुपारी किलर रईस बनारसी की हत्या कर दी गई। जिसके चलते आयाराम-गयाराम की दुनिया के अंदर खलबली मची हुई है। रईस के गुर्गे जान बचाने के लिए छिप रहे हैं तो उन्हें दबोचने के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। रविवार को मुन्ना और रईस का दाहिना हाथ व डी-80 गैंग का सरगना सलमान उर्फ मदारी को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। उसके ऊपर तीन दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे और पिछले पांच सालों से पुलिस उसे तलाश कर रही थी।

रईस की मौत के बाद आया कानपुर
पूर्वान्चल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या बागपत जेल में कर दी गई थी, जिसके कारण अपराध की दुनिया में हलचल बड़ गई। पुलिस को गैंगवार को आशंका थी, इसी के चलते हार्डकोर अपराधियों को दबोचने के लिए अभियान चला। बजरंगी का करीबी रहा व पचास हजार का इनामी सुपारी किलर रईस बनारसी को गिरफ्तार करने के लिए एसएसपी अनंत देव तिवारी ने मुनादी कराई थी। साथ ही पुलिस के अधिकारियों की टीम के साथ एसटीएफ को भी रईस के खात्में के लिए लगाया। इसी के कारण रईस कानपुर से भाग कर अपने ननिहाल बनारस चला गया और गैंगवार में मारा गया। रईस के मर्डर के बाद डी-80 गैंग की कमान सलमान उर्फ मदारी पुत्र राजू निवासी कल्याणपुर मस्वानपुर के हाथों में आ गई थी। मदारी को धरदबोचने के लिए एडीजी जोन अविनाश चंद्रा की क्राइम ब्रांच और काकादेव पुलिस को जिम्मेदारी दी और सटीक सूचना पर उसे मस्वानपुर इलाके से मुठभेड़ के बाद पुलिस ने दबोच लिया।

डी-80 गैंग की संभाले था कमान
रईस बनारसी के खात्में के बाद एडीजी जोन अविनाश चंद्रा ने उसके साथियों को दबोचने के लिए क्राइम ब्रांच और काकादेव पुलिस की संयुक्त टीम का गठन कर दन्हें ने डी-80 गैंग के सक्रिय सरगना सलमान उर्फ मदारी को गिरफ्तार करने के आदेश दिए। टीम ने मुखबिर की सूचना पर उसे दबोच लिया। पुलिस अभियुक्त के कब्जे से लूट के आधा दर्जन मोबाइल फोन व मोटरसाइकिल भी बरामद की है। एसएसपी अनंद देव ने बताया कि कुख्यात अपराधी रईस बनारसी कुछ दिन पूर्व बनारस में अपराधियों के बीच हुई गैंगवार में मारा गया था। इसी के बाद डी-80 गैंग की कमान रईस के दहिने हाथ सलमान उर्फ मदारी हाथों में आ गई थी। बनारसी की मौत के बाद मदारी बनारस से कानपुर आ गया और पुलिस की रडार में चढ़ गया था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अब उसकी पूरी हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी।

इन शहरों में किए अपराध
पूछताछ के दौरान अभियुक्त ने पुलिस को बताया कि अपने गैंग के साथ पुणे मुंबई अजमेर पश्चिम बंगाल सहित कई प्रांतों में मर्डर, लूटपाट डकैती और जहर खुरानी की वारदातों को अंजाम दे चुका है। इसके अलावा असलहों की भी तस्करी करता है। एसएसपी अनंत देव ने बताया कि गैंग लोग जहर खुरानी के अलावा बसों और ट्रन का बोगियों को लूट लेते थे। गैंग में करीब 100 सदस्य शामिल है जो अपराधिक वारदातों को अंजाम देते हैं। पुलिस डी-80 गैंग के लीडर रफाकत, रियाजत, गुडडू सहित सात भाइयो की हिस्ट्रीशीट खोलने की तैयारी कर रही है। एसएसपी अनंत देव ने बताया कि गैंग के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए पुलिस की टीम लगी है और जल्द ही कानपुर को अपराध और अपराधियों से मुक्त करा लिया जाएगा। मदारी शातिर अपराधी है और पैसे लेकर हत्याएं भी करता था।

मुन्ना बजरंगी का रहा है करीबी
बागपत जेल में मारे गए माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी से भी मदारी के संबंधों के बारे में जानकारी पुलिस को मिली है। मदारी अपने गुरू रईस औा मोनू पहाड़ी के साथ बनारस गया और मुन्ना बजरंगी से उसकी मुलाकात हुई। तीनों अपराधी मुन्ना बजरंगी गैंग से जुड़ गए और सुपारी लेकर हत्याएं करने लगे। मुन्ना बजरंगी के जेल जाने के बाद इनके सिर पर पूर्वान्चल के एक बाहुबली विधायक का हाथ रहा। पर योगी सरकार आने के बाद विधायक भी सलाखों के पीछे पहुंच गया। पूर्वान्चल में पकड़ कमजोर होने के बाद रईस और मदारी कानपुर आ गए। यहां पुलिस ने उनका कईबार आपना-सामना हुआ। लेकिन दोनों शातिर पुलिस के हत्थे नहीं लगे। एसएसपी ने बताया कि इस गैंग के सक्रिय सदस्यों की कुंडली खंगाली जा रही है और जल्द अन्य सदस्यों को पकड़ कर जेल भेजा जाएगा।

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