कारगर साबित हुई रणनीति
लाॅकडाउन के ऐलान के बाद सबसे पहले सड़क पर पुलिस उतरी। पहले दिन आमलोगों की भीड़ जमा हुई तो पुलिस ने सख्ती दिखाई, पर जमीन पर असर नहीं दिखा। सरकार के अलावा प्रशासन के अधिकारियों ने नई रणनीति बनाई और कोरोना वायरस के बारे में लोगों को जानकारी दी और फिर पुलिस को सीधे जनता से संवाद करने कहा। जिसके बाद हालात बदले और लोग बेवजह घरों से बाहर नहीं निकल रहे। पुलिस भी अब गली, मोहल्ले, झुग्गी-झोपडियों में जाकर खा़द्य समाग्री पहुंचा रही है।
इंस्पेक्टर ने खाद्य समाग्री पहुंचाई
नौबस्ता थाना़क्षेत्र स्थित पंपा के पास झुग्गी पर रहने वाले गरीबों ने डायल-100 पर कॉल कर भोजन की गुहार लगाई थी। पुलिस ने अपने वेतन और कोष से आवश्यक खाद्य सामग्री उन्हें उपलब्ध कराई है। एक कांस्टेबल ने बताया कि वेतन से असहाय 12 परिवारों की मदद की गई है। इसके अलावा हमारे कहने पर स्थानीय व्यापारियों भी इस नेक काम में मदद कर रहे हैं और खाद्य सामग्री के पैकेट बनाकर पुलिस को दे रहे हैं। ताकि असहाय लोगों की मदद की जा सके। बताया, हमलोग 24 घंटे लोगों की मदद के साथ सड़कों के अलावा मोहल्लों और ग्रामीण क्षेत्रों में जनता से संवाद कर उन्हें घर पर रहने को कह रहे हैं।
नवाबंगज इंसपेक्ठर की दरियादिली
गश्त के दौरान नवाबंगज इंस्पेक्टर दिलीप कुमार बिंद की नजर कुछ गरीब लोगों पर पड़ी, तो उन्होंने गाड़ी रुकवाई। बिंद ने उनसे मिले और सड़क के किनारे बैठने के बारे में पूछा। गरीबों ने बताया कि उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं है। इस पर इंस्पेक्टर उनके लिए राशन मंगाकर वितरित किया और उनसे अपील की कि अपनी जगह पर रहे और उन्हें अपना मोबाइल नंबर देते हुए कहा कि उन्हें खाने पीने के सामान की जरूरत पड़े, तो उन्हें सूचना दें, उन्हें सामान उपलब्ध कराया जाएगा। इंस्पेक्टर की इस पहल की सभी ने सराहना की।
खुद के पैसे से मंगवाया राशन
ककवन थानाक्षेत्र स्थित इंस्पेटर पुलिसबल के साथ गश्त पर निकले। जहां उन्हें एक महिला मिली। महिला ने पुलिस को बताया पति की मौत के बाद बेटे ने घर से बाहर निकाल दिया। मेरे नाम का राशन ख्ुाद ले जाता है। जिस पर इंस्पेक्टर ने तत्काल बेटे को बुलाया और डांट लगाई। खुद के पैसे से महिला के लिए राशन खरीदकर दिया। पुलिस के इस नेक कार्य से ग्रामीण खासे गदगद हैं। किसान ब्रजकिशोर कहते हैं कि पुलिसवाले भी इसी समाज से निकले हैं और जनता की सुरक्षा के लिए अपनी जिंदगी दांव पर लगाते हैं।
फिर जला चूल्हा
कल्याणपुर थानाक्षेत्र स्थित पुलिस ने इमरान की मदद की। इमरान ने पुलिस को सूचना देकर बताया फैक्ट्री बंद हो जाने से दो दिन से भोजन नहीं मिला। पत्नी व बच्चे भी भूखे हैं। उन्हें खाने की बेहद जरूरत है। इसके बाद थाना प्रभारी ने तत्काल राशन लेकर पहुंचे। तब कहीं इमरान के घर पर चूल्हा जला। पुलिस की ये पहल लगातार जारी है। जिसने समस्या बताई उसके पास बीट के सिपाही खाद्य समाग्री लेकर पहुंच जाते हैं। साथ ही दुकानदारों से कहा गया है कि उचित कीमत पर ग्राहकों को सामान बेंचे। जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ पुलिस मुकदमे भी दर्ज कर रही है।
लोग कर रहे पालन
एसएसपी अनंत देव तिवारी के मुताबिक लॉक डाउन के दौरान शहर में कोई भूखा न रहे। इसके लिए नगर निगम के साथ अन्य संगठनों के साथ पुलिस कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है। जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाया जा रहा है। एसएपी ने बताया कि लोग लाॅकडाउन का पालन कर रहे हैं। अब सड़कों पर लोग नहीं दिखते। कुछ मजदूर बाहर के शहरों से कानपुर पहुंचे हैं, जिन्हें भोजन के साथ एक मकान पर ठहराया गया है। जल्द ही मेडिकल जांच के बाद बसों के जरिए सभी को उनके जनपदों के लिए रवाना कर दिया जाएगा।