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ग्वालियर का नटवरलाल चढ़ा पुलिस के हत्थे, पति से ज्यादा खतरनाक थी पोस्टग्रेजुएट पत्नी

locationकानपुरPublished: May 16, 2018 10:55:14 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

एसपी रवीना त्यागी की तैनाती के बाद पहली बड़ी कामयाबी, लुटेरों के गैंग के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया

एसपी रवीना त्यागी की तैनाती के बाद पहली बड़ी कामयाबी, लुटेरों के गैंग के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया
कानपुर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले से नटवरलाल अपनी पोस्टग्रेजुएट पत्नी के साथ भागकर कानपुर के नौबस्ता इलाके में अपना ठिकाना बनाया। एक अर्पाटमेंट को किराए में लिया और स्थानीय लोगों से संपर्क बनाया। घर को जुएं के अड्डे में तब्दील कर दिया। इस दौरान आयाराम-गयाराम की दुनिया के लोग भी नटरवलाल की मफफिल में शामिल होने लगे और इसी का फाएदा पति-पत्नी ने उठाया। एक दर्जन अपराधियों को मिलाकर शहर में गैंग खड़ा कर लिया और फिर चोरी, लूट, डकैती सहित कई वारदातों को अंजाम देने लगा। एक साल के अंदर कानपुर के साथ ही आसपास के जिलों में 40 से ज्यादा वारदातों को अंजाम दिया। शातिर पैसे में हाथ साफ करता तो उसकी पत्नी लूट का विरोध करने वालों पर खंजर से वार कर मौत के घाट उतार देती। पर साउथ की कमान संभालने वाली लेडी सिंघम रवीना त्यागी ने इस गैंग के सरगना सहित पांच लोगों को अरेस्ट कर लिया। अभियुक्तों के कब्जे से सोने-चांदी के आभूषण, नकदी, असलहें, कारतूस व चोरी की बाइकों के साथ अन्य माल मिला है।
इस वारदात के बाद पुलिस पड़ी पीछे
पुलिस अधीक्षक दक्षिण रवीना त्यागी ने बुधवार को बताया कि, बीती 10 मई को नौबस्ता थाना इलाके में घर में घुस कर लूट और विरोध करने पर पति-पत्नी को मारपीट कर गम्भीर रूप से घायल करने की घटना को अंजाम दिया गया था। वारदात के खुलासे के लिए पुलिस उपाधीक्षक गोविन्द नगर के नेतृत्व में नौबस्ता इंस्पेक्टर संतोष कुमार सिंह के साथ पुलिस की कई टीमों को लगाया गया था। जांच के दौरान पुलिस के हाथ अहम सबूत लगे और पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए वारदात में बेहद शातिर अपराधियों के होने का पता चला। जिसके बाद टीम ने शातिर किस्म के अपराधी व जनपद में अलग-अलग थानों में 40 मुकदमों में वांछित मूलरूप से ग्वालियर निवासी हाल पता नौबस्ता दासू कुआ मोड़ हमीरपुर रोड में रहने वाले अवरेन्द्र रजक उर्फ बासू, उसकी पत्नी पूजा उर्फ प्रीती, साथी मनोज व चकेरी निवासी सुनार आकाश वर्मा व नौबस्ता निवासी संजय वर्मा को गिरफ्तार कर लिया।
सुनार को बेचते थे लूट का माल
पुलिस अधीक्षक दक्षिण रवीना त्यागी ने बताया कि अभियुक्तों की निशानदेही पर पुलिस ने लूट व चोरी की वारदातों का सोने-चांदी के जेवरात, नकदी, पिस्टल, तमंचा, कई कारतूस, चोरी की दो बाइकें को साथ अन्य माल बरामद कर लिया। पकड़ गये सुनार काफी समय से अभियुक्त अवरेन्द्र के सम्पर्क थे और चोरी का माल कम दामों में खरीदते थे। पूछताछ में पुलिस को गिरोह के दो अन्य साथी रामू व राजू निवासी ग्वालियर का पता चला है। जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगी है। फिलहाल गिरफ्तार पांचों अभियुक्तों पर पुलिस मुकदमा दर्ज कर जेल भेज रही है। पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को बताया कि पत्नी पूजा सुबह से लेकर शाम तक घरों की रेकी करती और जिस घर में ताला बंद दिख जाता, उसकी तस्वीर मोबाइल में कैद कर लेती।
रात में पत्नी को लेकर निकलता शातिर
एसपी दक्षिण ने बताया कि गिरोह का सरगना अवरेन्द्र जनपद में किराये का मकान लेकर पत्नी पूजा के साथ रहता है। पूछताछ में पता चला है कि अरवेन्द्र पूरे दिन घर में रहता था। जबकि उसकी पत्नी मोहल्लों की खाक छानती। वह घरों की रेकी कर अपने पति के साथ रात में वारदात को अंजाम देने के लिए निकल पड़ती। आरोपी ने पूछताछ के दौरान बताया कि कुछ माह पहले एक युवती सोने की जंजीर और अंगूठी पहने हुए रिक्शे से जा रही थी। पत्नी की नजर उस पर पड़ गई तो उसने लूट का प्लॉन बना डाला। पत्नी ने कमर में लगी पिस्टल निकाल ली और भागकर रिक्शेवाले के सिर पर तान दिया। इसके बाद मैंने युवती के लगे और हाथ से सोने क आभूषण छीन लिया। युवती ने विरोध किया तो पत्नी ने पिस्टल की बट से कई वार कर घायल कर दिया। हम दोनों बाइक से फरार हो गए। आरोपी ने बताया कि बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए हम गैंग के अन्य साथियों को बुलाते और घर पर घटना को अंजाम देने के लिए प्लॉनिंग करते।
पिस्टल लगाकर चलती थी पत्नी
आरोपी ने पुलिस की पूछताछ के दौरान बताया कि जब भी हम दोनों घर से बाइक पर निकलते तो पत्नी अपनी कमर पर पिस्टल गलाकर चलती। आरोपी ने बताया कि पुलिस जांच के दौरान अक्सर महिलाओं की तलाशी नहीं लेती। कई मौके पर पुलिस ने हमें रोककर जांच पड़ताल की, लेकिन पत्नी की तलाशी नहीं ली। इसी के कारण असलहा से लेकर चोरी का सामान पत्नी लेकर चलती थी। लूट के बाद सोने -चांदी के आभूषण पत्नी अकेले सोनार के पास लेकर जाती और बेचकर पैसे लाती। घर पर अन्य आरोपियों के साथ पैसे का बंटवारा होता।

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