पहले कम करें घर के अंदर का प्रदूषण, फिर चिंता करें बाहर की
कानपुरPublished: Dec 10, 2018 01:19:50 pm
आमतौर पर लोग बाहर के प्रदूषण को लेकर ज्यादा चर्चा करते नजर आते है, लेकिन घर में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर वे न जाने क्यों अनजान बने रहते हैं. मौसम विशेषज्ञ और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिकों का इस बारे में मानना है कि हर घर में वहां होने वाली गतिविधियों के वजह से प्रदूषण बढ़ता रहता है.
पहले कम करें घर के अंदर का प्रदूषण, फिर चिंता करें बाहर की
कानपुर। आमतौर पर लोग बाहर के प्रदूषण को लेकर ज्यादा चर्चा करते नजर आते है, लेकिन घर में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर वे न जाने क्यों अनजान बने रहते हैं. मौसम विशेषज्ञ और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिकों का इस बारे में मानना है कि हर घर में वहां होने वाली गतिविधियों के वजह से प्रदूषण बढ़ता रहता है.
ऐसी मिली है जानकारी
रसोई में गैस, स्टोव से निकलने वाली और भोजन बनाने की प्रक्रिया में निकलने वाली कार्बन डाईऑक्साइड गैस भी प्रदूषण का कारण बनती है. ज्यादातर घरों में सही तरीके का वेंटीलेशन नहीं होने के वजह से प्रदूषण में इजाफा होता है. एक-दो मंजिला घर में आमतौर पर प्रदूषण की मात्रा 100 एक्यूआई के आसपास रहती है.
ऐसा कहते हैं मौसम विशेषज्ञ
मौसम विशेषज्ञ नौशाद खान का इस बारे में कहना है कि घर में सुबह-शाम जितनी बार सफाई की जाती है, उससे उड़ने वाली धूल भी प्रदूषण का कारण बनती है. अगरबत्ती और धूपबत्ती, मच्छरों से बचने के लिए जलाई जाने वाली क्वायल से भी घर का एक्यूआई बढ़ता है. इसी तरह से कम जगह में ज्यादा सामाना रखने की वजह से प्रदूषण की दिक्कत बढ़ती है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कुलदीप मिश्रा का कहना है कि जिनके घर सड़कों के किनारे हैं उन्हें इस तरह की ज्यादा दिक्कत होती है. कारण है कि उनके घर में हर वक्त सड़क की धूल और वाहनों का उठने वाला धुआं भी पहुंचता है.
घर का प्रदूषण भी है बेहद खतरनाक
घर के अंदर का प्रदूषण उतना ही खतरनाक है जितना बाहर का होता है. वायुमंडल में बढ़ रहे प्रदूषण के मद्देनजर विशेषज्ञों की सलाह है कि घर के अंदर का प्रदूषण कम करें जिससे सेहत को अधिक नुकसान न हो. इसके लिए घर का इंटीरियर डेकोरेशन बहुत साधारण रखें. घर किचेन को हवादार बनाएं. एक अगबत्ती का धुआं भी प्रदूषण को घना कर सकता है. किचेन से निकला धुआं घर के अंदर न भरने पाए.