नाइट्रोजन डाईऑक्साइड हवा में लगातार जहर घोल रही है. इस खतरनाक गैस का सोमवार शाम पांच बजे तक का औसत 129.83 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा है. सुबह 6 बजे तक ये गैस औसत से अधिक रही और सुबह आठ बजे तक खतरनाक स्तर पर बनी रही. इसकी खास बात यह है कि दोपहर से इसका स्तर फिर बढ़ा और शाम चार बजे यह औसत से कहीं आगे निकल गई. रात 12 बजे इसका स्तर184.1 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया. फिर रात एक बजे इसका स्तर 184.1 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया.
रात 12 बजे से लेकर सुबह 06 बजे तक सल्फर डाईऑक्साइड की मात्रा भी खतरनाक स्तर पर बनी हुई है. सोमवार रात 12 बजे से सुबह 05 बजे तक इसका स्तर अपने औसत 9.90 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से ज्यादा रहा. आधी रात इसका स्तर 16.1 था. ये सुबह 01 बजे 16.4, 02 बजे 14.1, 03 बजे 11.8, 04 बजे 13.1 और 05 बजे 11.7 माइक्रोग्राम प्रतिघनमीटर रहा.
कार्बन मोनोऑक्साइड
इस गैस को साइलेंस किलर कहते हैं. ये ऑक्सीजन लेने की मात्रा को घटा देती है. इससे सिरदर्द, जी मितलाना, सांस फूलना, नींद न आना, कमजोरी और उदासी जैसे लक्षण दिखने लगते हैं.
ये गैस बेहद जहरीली होती है. त्वचा के संपर्क में आने से ये गैस जलन पैदा करती है. आंखें लाल हो जाती हैं. इसके साथ ही श्वांस प्रणाली को भी नुकसान पहुंचाती है.
इस गैस से गले में संक्रमण हो जाता है. खांसी आने लगती है. सिर दर्द, पसीना आना, जी मितलाना, कय करना, सांस फूलना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं.