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कानपुर

सुबह-शाम शहर की आबो-हवा हुई जहरीली

कानपुर की आबोहवा लगातार खराब होती जा रही है. ऐसे में मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सुबह और शाम की हवा तो शहरवासियों के लिए बहुत ही ज्‍यादा घातक है. प्राप्‍त किए गए आंकड़ों के अनुसार सोमवार सुबह छह बजे कार्बन मोनोऑक्‍साइड का स्‍तर 5.1 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया.

कानपुरNov 13, 2018 / 08:48 am

आलोक पाण्डेय

Kanpur

सुबह-शाम शहर की आबो-हवा हुई जहरीली

कानपुर। कानपुर की आबोहवा लगातार खराब होती जा रही है. ऐसे में मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सुबह और शाम की हवा तो शहरवासियों के लिए बहुत ही ज्‍यादा घातक है. प्राप्‍त किए गए आंकड़ों के अनुसार सोमवार सुबह छह बजे कार्बन मोनोऑक्‍साइड का स्‍तर 5.1 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया. ये समय मॉर्निंग वॉकर्स के लिए सबसे ज्‍यादा खतरनाक रहा. पिछले 24 घंटों में कार्बन मोनोऑक्‍साइड का औसत 3.54 माइक्रोग्राम था, लेकिन सुबह छह बजे यह औसत से कहीं ज्‍यादा था. सुबह 8 बजे तक इसका स्‍तर 4.12 बना रहा. सुबह 9 बजे से स्‍तर 3.56 पहुंचा, जिसके बाद से गिरावट आनी शुरू हुई. दोपहर दो बजे तक स्‍थिति में सुधार रहा. इसके बाद शाम होते ही 3 बजे के बाद से स्‍थितियां फिर से प्रतिकूल हो गईं. शाम 4 बजे इसका स्‍तर 4.4 माइक्रोग्राम प्रतिघनमीटर पहुंच गया.
घातक साबित हो रही नाइट्रोजन ऑक्‍साइड
नाइट्रोजन डाईऑक्‍साइड हवा में लगातार जहर घोल रही है. इस खतरनाक गैस का सोमवार शाम पांच बजे तक का औसत 129.83 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा है. सुबह 6 बजे तक ये गैस औसत से अधिक रही और सुबह आठ बजे तक खतरनाक स्‍तर पर बनी रही. इसकी खास बात यह है कि दोपहर से इसका स्‍तर फिर बढ़ा और शाम चार बजे यह औसत से कहीं आगे निकल गई. रात 12 बजे इसका स्‍तर184.1 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया. फिर रात एक बजे इसका स्‍तर 184.1 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया.
सल्‍फर डाईऑक्‍सादड ऐसे हो रही खतरनाक
रात 12 बजे से लेकर सुबह 06 बजे तक सल्‍फर डाईऑक्‍साइड की मात्रा भी खतरनाक स्‍तर पर बनी हुई है. सोमवार रात 12 बजे से सुबह 05 बजे तक इसका स्‍तर अपने औसत 9.90 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से ज्‍यादा रहा. आधी रात इसका स्‍तर 16.1 था. ये सुबह 01 बजे 16.4, 02 बजे 14.1, 03 बजे 11.8, 04 बजे 13.1 और 05 बजे 11.7 माइक्रोग्राम प्रतिघनमीटर रहा.
इससे हो रहा है ये नुकसान

कार्बन मोनोऑक्‍साइड
इस गैस को साइलेंस किलर कहते हैं. ये ऑक्‍सीजन लेने की मात्रा को घटा देती है. इससे सिरदर्द, जी मितलाना, सांस फूलना, नींद न आना, कमजोरी और उदासी जैसे लक्षण दिखने लगते हैं.
सल्‍फर डाईऑक्‍साइड
ये गैस बेहद जहरीली होती है. त्‍वचा के संपर्क में आने से ये गैस जलन पैदा करती है. आंखें लाल हो जाती हैं. इसके साथ ही श्‍वांस प्रणाली को भी नुकसान पहुंचाती है.
नाइट्रोजन डाईऑक्‍साइड
इस गैस से गले में संक्रमण हो जाता है. खांसी आने लगती है. सिर दर्द, पसीना आना, जी मितलाना, कय करना, सांस फूलना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं.

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