scriptसीएए: सोशल मीडिया पर आग लगाने वाले चिन्हित, दर्ज होगा मुकदमा | Posts against CAA on social media | Patrika News

सीएए: सोशल मीडिया पर आग लगाने वाले चिन्हित, दर्ज होगा मुकदमा

locationकानपुरPublished: Feb 11, 2020 02:22:47 pm

भडक़ाऊ पोस्ट डालने वाले चार फेसबुक एकाउंट पुलिस ने खोज निकालेशाहीनबाग प्रदर्शन की तर्ज पर महिलाओं को आगे कर रहे प्रदर्शनकारी

सीएए: सोशल मीडिया पर आग लगाने वाले चिन्हित, दर्ज होगा मुकदमा

सीएए: सोशल मीडिया पर आग लगाने वाले चिन्हित, दर्ज होगा मुकदमा

कानपुर। दिल्ली के शाहीनबाग में हो रहे प्रदर्शन की तर्ज पर ही कानपुर में भी महिलाओं को आगे करके सीएए के खिलाफ समाज के लोगों को एकजुट किया जा रहा है। इसके लिए सोशलमीडिया के सहारे लोगों को भडक़ाया जा रहा है। पुलिस ने शहर के ऐसे चार फेसबुक एकाउंट चिन्हित किए हैं, जिनके जरिए भडक़ाऊ पोस्ट और पोस्टर शेयर किए गए हैं। इनमें कुछ बड़े सफेदपोश भी शामिल हैं। एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि कुछ ऐसे लोग हैं जो लगातार प्रदर्शन के संबंध में वीडियो, फोटो व अन्य भडक़ाऊ सामग्री पोस्ट कर रहे हैं। व्हाट्सएप पर भी फैला रहे हैं। इन सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गिरफ्तारी की उड़ाई अफवाह
चमनगंज में हुई पुलिस कार्रवाई के बीच ही व्हाट्सएप पर एक पोस्ट वायरल हुआ जिसमें लिखा है कि एमआईएम के लीडर साहब आलम को पुलिस ने उठा लिया है। उनको पुलिस कहां ले गई, कुछ नहीं पता। इस पोस्ट में और भी भडक़ाऊ बातें लिखी हैं। पुलिस ने दावा किया है कि किसी को भी हिरासत में नहीं लिया गया है। इस पोस्ट के बारे में भी जांच शुरू कर दी है।
शाहीनबाग के वीडियो भेजे गए
सीएए के विरोध में प्रदर्शन हो या फिर हिंसा, इसमें शुरू से ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया गया है। मोहम्मद अली पार्क में चल रहे प्रदर्शन में भी इसका खुलासा हुआ है। प्रदर्शन में शामिल लोगों को दिल्ली के शाहीन बाग के प्रदर्शन के वीडियो भी भेजे जा रहे हैं। उसी तरह से यहां भी सडक़ों पर चादर आदि बिछाकर महिलाएं व अन्य लोग धरने पर बैठे हैं। इन सभी पर एफआईआर दर्ज हो सकती है।
तैयार किया जा रहा ब्यौरा
सोशल मीडिया पर भडक़ाऊ पोस्ट डालने वालों का ब्यौरा तैयार किया जा रहा है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि उनके संबंध किन-किन संगठनों से हैं। अभी तक कानपुर में सीएए को लेकर हुई हिंसा में पीएफआई और एआईएमआईएम से जुड़े लोगों का हाथ होने के सुबूत मिले हैं। इसके अलावा और भी कई राजनीतिक संगठन इस आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों की पूरी जानकारी जुटाई जा रही है।
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