चार तरह की बीमारी
पैथोलॉजी विभाग के प्रोफेसर समीर कुमार विश्वास ने कि लेट ब्लाइट, अर्ली ब्लाइट, कामन स्कर्ब, ब्लेक स्कर्ब आलू की चार प्रमुख बीमारियां हैं। इनमें लेट ब्लाइट हल्की बारिश में ही फसल को बर्बाद कर देगी। उनका कहना है प्रो. समीर विश्वास का कहना है कि बीते तीन वर्षों यह देखा जा रहा है कि जनवरी के अंत और फरवरी के पहले सप्ताह में बारिश हो जाती है जिससे आलू की फसल में लेट ब्लाइट लग जाता है। लेट ब्लाइट के लिए सभी जलवायु दशाएं मौजूद हैं। अगर बारिश हुई तो बीमारी से फसल नहीं बच सकती है।
पैथोलॉजी विभाग के प्रोफेसर समीर कुमार विश्वास ने कि लेट ब्लाइट, अर्ली ब्लाइट, कामन स्कर्ब, ब्लेक स्कर्ब आलू की चार प्रमुख बीमारियां हैं। इनमें लेट ब्लाइट हल्की बारिश में ही फसल को बर्बाद कर देगी। उनका कहना है प्रो. समीर विश्वास का कहना है कि बीते तीन वर्षों यह देखा जा रहा है कि जनवरी के अंत और फरवरी के पहले सप्ताह में बारिश हो जाती है जिससे आलू की फसल में लेट ब्लाइट लग जाता है। लेट ब्लाइट के लिए सभी जलवायु दशाएं मौजूद हैं। अगर बारिश हुई तो बीमारी से फसल नहीं बच सकती है।
बचाने का प्लान तैयार
वैज्ञानिकों ने बीमारी रोकने का नया प्लान तैयार किया है। प्रो. विश्वास का कहना है कि अब किसानों को मैंकोजेफ की जगह करजेट, इक्वेटा प्रो और मेटको के घोल का छिडक़ाव करना चाहिए। मैंकोजेब सिर्फ एक बीमारी को लेकर कारगर है जबकि नया मिक्चर कई बीमारियों से बचाता है। उनके मुताबिक उन खेतों में जहां किसानों ने हल्की सिंचाई कर दी है उनमें यह बीमारी लगने की सूचना मिल रही है लिहाजा एक दो दिनों के अंदर मैनेजमेंट शुरू कर दें।
वैज्ञानिकों ने बीमारी रोकने का नया प्लान तैयार किया है। प्रो. विश्वास का कहना है कि अब किसानों को मैंकोजेफ की जगह करजेट, इक्वेटा प्रो और मेटको के घोल का छिडक़ाव करना चाहिए। मैंकोजेब सिर्फ एक बीमारी को लेकर कारगर है जबकि नया मिक्चर कई बीमारियों से बचाता है। उनके मुताबिक उन खेतों में जहां किसानों ने हल्की सिंचाई कर दी है उनमें यह बीमारी लगने की सूचना मिल रही है लिहाजा एक दो दिनों के अंदर मैनेजमेंट शुरू कर दें।
ये तरीके भी कारगर
प्रो. समीर कुमार विश्वास के मुताबिक मिट्टी के प्रबंधन, ट्यूबर के प्रबंधन और फोलियर प्रबंधन इन तीनों प्रयोगों से भविष्य में लेट ब्लाइट को दूर किया जा सकता है। मिट्टी के ट्रीटमेंट में गोबर की खाद के साथ पोल्ट्री से निकली खाद भी प्रयोग की जाएगी। पहली बार वैज्ञानिकों ने पोल्ट्री से निकली खाद को आलू की खेती के लिए मिट्टी के ट्रीटमेंट को लेकर उपयोगी माना है।
प्रो. समीर कुमार विश्वास के मुताबिक मिट्टी के प्रबंधन, ट्यूबर के प्रबंधन और फोलियर प्रबंधन इन तीनों प्रयोगों से भविष्य में लेट ब्लाइट को दूर किया जा सकता है। मिट्टी के ट्रीटमेंट में गोबर की खाद के साथ पोल्ट्री से निकली खाद भी प्रयोग की जाएगी। पहली बार वैज्ञानिकों ने पोल्ट्री से निकली खाद को आलू की खेती के लिए मिट्टी के ट्रीटमेंट को लेकर उपयोगी माना है।