क्या है पूरा मामला
रेत के अवैध खनन से जुड़े मामले में सीबीआई ने शनिवार को यूपी के कई जिलों पर छापे मारे। जिनमें आईएएस अधिकारी बी. चन्द्रकला, मोइनुद्दीन (जियोलॉजिस्ट), रमेश कुमार मिश्र (एमएलसी) और दिनेश कुमार मिश्र(ये दोनों भाई हैं), अंबिका तिवारी(हमीरपुर निवासी), रामाश्रय प्रजापति(पूर्व खनन क्लर्क), संजय दीक्षित(बीएसपी से चुनाव लड़ चुके हैं), संजय दीक्षित के पिता सत्यदेव दीक्षित, रामावतार सिंह(सीनियर क्लर्क) जालौन निवासी के घरों पर सीबीआई ने रेड की थी। याचिका कर्ता विजय द्विवेदी ने वर्ष 2015 में अवैध रूप से जारी मौरंग खनन को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने 16 अक्तूबर 2015 को हमीरपुर में जारी किए गए सभी 60 मौरंग खनन के पट्टे अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिए थे। 28 जुलाई 2016 को तमाम शिकायतें व याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अवैध खनन की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
अखिलेश ने किया पलटवार
अवैध खनन मामले में सीबीआई की जांच की आंच झेल रहे यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को बीजेपी और केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। अखिलेश ने कहा, हम गठबंधन कर सकते हैं, जनता के बीच जा सकते हैं और जिन्हें रोकना है उनके पास सीबीआई है। अखिलेश ने अवैध खनन के मामले को बहुत पुराना बताते हुए इस मामले में सीबीआई की ताजा जांच को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा, सीबीआई का स्वागत है। पहले कांग्रेस ने सीबीआई से मिलने का मौका दिया था। अब बीजेपी यह मौका दे रही है। सीबीआई को छापेमारी या पूछताछ जो करनी है करे, हम तैयार हैं। हमसे जो पूछा जाएगा हम उसका जवाब देंगे। इसी के बाद सोमवार को सपा-बसपा ने मिलकर भाजपा पर हमला किया और इसे एक साजिश करार दिया।
100 दिन की बची है सरकार
रघुराज शाक्य ने सीबीआई की कार्रवाई पर कहा कि हमारी पार्टी इसकी घोर निंदा करती है। बिना सबूतों के किसी भी नेता पर आरोप लगाना सरासर गलत है। अखिलेश यादव यूपी के बड़े नेता हैं। ऐसे में भाजपा उनकी छवि को धूमिल करने के लिए बयानबाजी कर रही है। कहा, चुनाव के वक्त ही सीबीआई क्यों जागी। सीबीआई की टाईमिंग पर हमें सख्त एतराज है। प्रसपा नेता ने कहा कि महज सौ दिन की सरकार है। जनता इनकी रवानगी का मन बना चुकी है। प्रसपा और सपा दोनों अलग-अगल हैं, लेकिन इस मुद्दे पर हम अखिलेश यादव के साथ हैं। कहा, अभी हम दो दिन पहले बुंदेलखंड के जिलों का दौरा कर लौटे हैं। आवारा मवेशी किसानों की फसलों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। किसान अब मवेशियों को स्कूलों और सरकारी भवनों के अंदर बंद कर रहे हैं। किसानों की समस्याओं को निराकरण के ब जाए सरकार अवैध खनन पर व्यस्थ है।